सुषमा के स्नेहिल सृजन
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शीत लहर
मनहरण घनाक्षरी
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शीत लहर
शीत लहर
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आ*ई है शिशिर ऋतु, शीत की लहर लिए,
तन लगे सूर्य त्रास,
बड़ी सुखदायिनी।
शीत लहर
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*आ*नंदित उपवन, लहराती डाली-डाली,
मोगरा सेवंती गेंदा,
ऋतु अनुपायिनी।
शीत लहर
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*आ*नंद विभोर शोर, कलरव चहुँओर,
‘सुषमा’ सुहाने पल,
उषा अंकशायिनी।
शीत लहर
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*आँ*गन आसन विछा, लिखूँ नित छंद विधा,
सृजन दैवीय काव्य,
जैसी हो कामायनी।
”सुषमा प्रेम पटेल (रायपुर छ.ग.)
लेखिका
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