गौ माता ही सनातन धर्म की मूल : गोपाल मणि महाराज
गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा मिलते ही भारत पुन: बनेगा विश्वगुरु - गोपाल मणि महाराज
रायपुर। गौ माता की भूमि चंद्रखुरी से जन्मी भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म चंदखुरी अर्थात गौ माता की भूमि में हुआ है इसीलिए छत्तीसगढ़ के गौ का नस्ल कोशली है। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गौ माता का सम्मान हो । ग्राम मांढर में 16 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित धेनु मानस गौ कथा के दूसरे दिन उत्तराखंड से पहुंचे संत गोपाल मणि जी महाराज ने गौ की महिमा बताते हुए कहा कि भगवान राम और कृष्ण का अवतार गौ रक्षा के लिए हुआ था। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा मंत्र माँ है गांव हमारी माता है और हिंदू धर्म के जितने भी पुराण हैं वह गौ की कथा है इसीलिए पृथ्वी जब जब जन्म लेती है गौ माता के रूप में लेती है।
संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि पत्नी तो जीवन भर पति की सेवा करती है परंतु गर्भ काल के दौरान पति को पत्नी की सेवा करनी चाहिए वहींं बच्चों से 5 वर्ष तक भरपूर प्रेम करना चाहिए तथा 10 वर्ष होते तक उसे पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि इन वर्षों के दौरान जो संस्कार उन पर पड़ता है वह जीवन भर नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि आज तक कोई भी सिंहासन गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा नहीं दे पाया परंतु भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक और गो भक्त हैं चूंकि गौ प्रतिष्ठा के बिना श्रीराम और श्रीकृष्ण आदि देवी संतुष्ट नहीं होते इसलिए छत्तीसगढ़ की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गौ माता की भूमि में जन्मी उनकी माता कौशल्या को गौरव दिलाने गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग करनी चाहिए।
संत श्री गोपाल मणि महाराज ने कहा कि जब हमारा पूजा पाठ यज्ञ तब हवन तर्पण सभी कुछ संस्कृत में होते हैं और हम देश में राम राज्य की कल्पना करते हैं तो रामायण को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होना चाहिए तथा भारत की राष्ट्रभाषा भी संस्कृत होना चाहिए उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी से हारना नहीं चाहता परंतु पिता को अपने पुत्र से और गुरु कोअपने शिष्य से पराजित होने पर भी गौरव महसूस होता है।