सेवा सिमरन और सरलता है संत की पहचान : साईं कालीराम
रायपुर। इलेवन स्टार ग्राउंड संत कंवरराम नगर कटोरा तालाब में आयोजित दिव्य सत्संग एक शाम साईं वसण शाह के नाम में सर्वप्रथम भगवान झूलेलाल साईं वसण शाह व मां गंगा की आरती से आयोजन की शुरुआत हुई अपनी दिव्य वाणी से साई वसण शाह दरबार के गद्दीनशीन संत साईं कालीराम जी ने कहा की आज कलयुग में संतों की परिभाषा ही बदल गई है जबकि संत वह होते हैं जो पूरी तरह सरल निष्पक्ष हो और सादा जीवन व्यतीत करते हो ना कि संत वह हैं जो की किसी राजगद्दी में जाकर विराजमान हो और राजाओं की तरह व्यवहार करें संत की परिभाषा ही होती है सेवक।
सेवा सिमरन और सरलता यही एक संत की पहचान होती है जिसका साक्षात उदाहरण है हमारे साईं वसण शाह जी जिन्होंने अपना पूरा जीवन सेवा सरलता और सिमरन में ही व्यतीत किया जबकि उनका पूरा जीवन आध्यात्मिक चमत्कारों से भरा हुआ रहा उसके बावजूद भी उनकी सरलता ही उनकी पहचान रही बड़ी ही सादगी से उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित किया।
एक प्रेस विज्ञप्ति में आयोजन के मीडिया प्रभारी रमेश मिर्घानी सुभाष बजाज व गौरव मंधानी ने बताया कि साई कालीराम जी ने साईं वसण शाह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की उनका जीवन अलमस्त फकीर की तरह रहा और फकीरों का कार्य है मनुष्य को हर तरह के वहमो से दूर करना व प्रभु चरणों की वंदना हेत प्रेरित करना यही कार्य वसण शाह जी ने जीवन भर किया ।
साथ ही उन्होंने आजकल टूटते वैवाहिक रिश्तों पर कहा कि पहले कन्यादान करके कन्या से कहा जाता था डोली में गई हो अर्थी से निकलना।
जबकि आजकल लड़कियों से लगातार मायके वालों के बात करने से रिश्तों में दरार आ रही है।
साथ ही लड़के वालों को भी ये समझना होगा की अपनी बहू को बेटी की तरह ही प्रेम करना होगा जिस तरह आप अपनी बेटी की आजादी व सुख उसके ससुराल में चाहते हैं वो सुख अपनी बहू को भी प्रदान करें इससे समाज में जो रिश्ते टूट रहे हैं उसमे कमी आएगी व सुधार होगा साथ ही युवा पीढ़ी को रात्रि जागरण तथा नशे से दूर रहने की नसीहत भी दी।
साईं कलीराम जी के सूफी भजनों का भी श्रद्धालुओं ने आनंद लिया व देर रात भक्तजन भजनों में झूमते रहे साथ ही नागपुर से पधारे वसण शाह दरबार के साईं केशवलाल व साईं कमल कुमार ने भी अपने भजनों की प्रस्तुति दी तथा तीनों संतों द्वारा छत्तीसगड़ व यहां की जनता तथा समाजजनों की तरक्की हेतु अरदास की हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रासादी भी ग्रहण की आयोजन में मुख्य रूप से श्रीचंद सुंदरानी उदय शदाणी अमर भाई साहब किशोर रमेश मिर्धानी सुभाष बजाज गौरव मंधानी आहूजा प्रेम बिरनानी राजेश वाधवानी बलराम आहूजा नत्थूलाल धनवानी खेमा मिर्घानी पवन पृथ्वानी महेश मिर्घानी मोहन होतवानी विकास गोधवानी कुंदनराम नत्थानी अमर दौलतानी नरसा लालवानी आदि उपस्थित थे आयोजन के सफल संचालन में साई वसण शाह सेवा समिती के सभी पदाधीरियों व सेवादारियों की मुख्य भूमिका रही तथा भोजन व्यवस्था को एक पहल और संस्था द्वारा संभाला गया।