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युवा उद्यमिता के लिए आवश्यक है स्वदेशी मेला: विजय शर्मा

रायपुर। भारतवर्ष विश्व में सर्वाधिक युवाओं की आबादी वाला देश है। युवाओं को उद्यमशीलता से जोड़कर उनकी प्रतिभा व क्षमता को राष्ट्रीय विकास के स्तर को शिखर पर स्थापित किया जा सकता है। यह बातें उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्वदेशी मेला के मुख्य अतिथि की आसंदी से कहा। उन्होंने कहा कि आज सुरक्षा उपकरणों में तकनीकी दक्षता, चिकित्सा, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने अविस्मरणीय प्रगति की है। आज छत्तीसगढ़ नक्सली गतिविधियों के लिए बल्कि सभ्यता, संस्कृति की धरोहर और विशिष्ट कला के लिए पहचाना जाता है। छत्तीसगढ़ बहुत तेजी से भारत के नक्शे पर अपनी प्रगति के बल पर उभरा है। स्वदेशी मेला में संध्याकालीन समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि स्थानीय संस्थानों के माध्यम से नवीन प्रशिक्षण प्राप्त करके स्टार्ट अप कंपनियों के माध्यम से उद्यमिता को नया स्थान मिला है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि पूर्व संगठन महामंत्री भाजपा रामप्रताप सिंह ने कहा कि स्थानीय मंच का प्रतीक स्वदेशी मेला लोकजीवन से जुड़ी कई अनूठी औषधियों, वन उत्पादों, मिलेट्स आदि के जरिए उनको मुख्य धारा से जोड़ने और उनके प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
साइंस काॅलेज मैदान में आयोजित 7 दिवसीय मेला लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मेले में उमड़ती भीड़ लोककला संस्कृति से सजे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं साथ ही मनोहारी प्रस्तुतियों का मुग्ध होकर देर रात तक लुत्फ उठाते रहे। संध्याकालीन सांस्कृतिक समारोह में रंग सरोवर मंच के भूपेंद्र साहु, पांडुका द्वारा लोकमाटी की खुशबू स्वरलहरियों की मधुर तरंगों के माध्यम से बिखेरी गई। भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक धरोहरों के उत्सव कार्यक्रम में केरल की संस्कृति अपने विशिष्ठ परिधानों और भाषाई रंगों के संयोजन के साथ अनोखी छटा बिखेर गया जो दर्शकों को खूब भाया। वहीं उत्तरप्रदेशि दिवस के मौके पर लोकगीतों के जरिए नृत्यों के थिरकती प्रस्तुति दी गई जिस पर दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जमकर स्वागत किया, वहीं छत्तीसगढ़ की माटी में रची-बसी लोकसंस्कृति पर आधारित गीतों और नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई। जिसमें छत्तीसगढ़ की माटी की भीनी खुशबू बारहमासी संगीत की पेशकश तुषारनाग एवं समूह द्वारा दी गई। पारंपरिक वेशभूषा से सजे कलाकारों द्वारा कर्मा नृत्य की झूमती हुई पेशकश रूकमणि रामटेके और साथियों के द्वारा दी गई जिसका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। भावना साहू एवं बालिकाओं द्वारा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक नृत्य रेलिया वैरन द्वारा दी गई। उत्तरप्रदेश राज्य के पारंपरिक लोकगीतों पर राम सिया राम समूह द्वारा मंगल भवन गान की मधुर स्वर लहरिया बिखेरी गईं। ददरिया गीत पर गुलाबी चुनर समूह द्वारा झूमती हुई शानदार पेशकश दी गईं वहीं लाल सोनी द्वारा युगल नृत्य की रामस्तुति पर भक्तिमय प्रस्तुति दी गई। प्रदेशिक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी शताब्दी पांडेय के संयोजन में दैनिक विविध कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। मंच संचालन अमरजीत सिंह छाबड़ा ने किया। स्वेदशी परंपरा के निर्वहन की कड़ी में स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान छत्तीसगढ़ प्रांत रायपुर महानगर कार्यकारिणी की कार्यकर्ताओं के साथ परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता सतीश कुमार ने कहा कि हमारी जीवन शैली, हमारी सोच एव व्यववहार में संपूर्ण स्वदेशीपने की अनुभूति होगी तभी भारत विश्व में अग्रसर हो पाएगा। उन्होंने दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुएं के उपयोग को बढ़ाने की बात कही। बैठक में केशव पटेल, जगदीश पटेल, शीला शर्मा, सुब्रत चाकी, डाॅ.मंजरी बक्षी,सुमन मुथा, मावजी भाई पटेल, अनुराग पांडे आदि उपस्थित थे।
समाज के विविध वर्गो के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन की कड़ी में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। पारंपरिक एवं मुक्त हस्त रंगोली के चार वर्गों में 30 से अधिक प्रतिभागियों ने इंद्रधनुषी रंगों से धरा पर एक से बढ़कर एक मनोहारी दृश्यों को उकेरा। दोपहर में मिलेट्स पर आधारित व्यंजन प्रतियोगिता हुई। जिसमें मानसी कुशवाहा गु्रप ए में प्रथम, महिमा यादव द्वितीय, नेहा साहू तृतीय रहीं,गु्रप बी में प्रथम विदुषी, द्वितीय दूबी जायसवाल, तृतीय लोकिता मानिकपुरी, गु्रप सी में प्रथम ज्योति निर्मलकर, द्वितीय आरती शुक्ला व तृतीय मोनिका शुक्ला रहीं, गु्रप डी में प्रथम चेतन नायक, द्वितीय संतोष कुमार व तृतीय सुशील कुमार रहे। इस प्रतियोगिता के जज में सिद्धार्थ सोनी, स्मृति सोनी,शेखर क्षीरसागर, दिव्या जैन थी। इस प्रतियोगिता के आयोजक सुनीता जैन, मालती माहुले, ज्योति देवांगना उषा पवार, सीमा भगत, निशा संमदुलकर, अर्चना शुक्ला थीं। शुक्रवार को आयोजित मिलेट्स पर आधारित व्यंजन प्रतियोगा हुई जिसमें ओट्स केक, रागी गुड़ पापड़ी, ज्वार धामनी चिक्की,बाजरे की राब, बाजरा स्टफ कटलेट, कुटकी का रंगीन उपमा सहित एक से एक बढ़कर एक लज़ीज व्यंजनों को प्रदर्शित किया। 25 प्रतिभागियों ने मोटे खाद्य पदार्थों की स्वादिष्ट श्रृंखला प्रस्तुत की। इस प्रतियोगिता के निर्णायक डाॅ. सरिता श्रीवास्तव, मोनिका मिश्रा और डाॅ. प्रीति उपाध्याय थीं। इस प्रतियोगिता की आयोजक लक्ष्मी जिल्हरे, इंदिरा जैन, लता चैधरी, सरिता पटेल, कल्पना चाकी, अश्विन प्रभाकर, आकृति देवांगन पूजा रानी थीं। दो वर्गों में आयोजित मिलेट्स व्यंजन प्रतियोगिता में प्रथम वर्ग में प्रथम अदिति जैन, द्वितीय अर्पिता चावड़ा, तृतीय बबीता वर्मा रहीं। वहीं द्वितीय वर्ग में प्रथम विभा बावनकर, द्वितीय प्रतिभा जैन व तृतीय रोशनी सोनी रहीं। यह जानकारी मीडिया प्रभारी डॉ मंजुला जैन द्वारा दी गई।

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