हार्मोनल असंतुलन आमतौर पर किशोरावस्था, गर्भावस्था और पेरी-मेनोपॉज या मेनोपॉज के दौरान अधिक होता है।
किशोरावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण आमतौर पर चेहरे पर मुंहासे निकलते हैं। यह इस समस्या का पहला संकेत है।
पेरी-मेनोपॉज या मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में तेजी से वजन घटने या बढ़ने की समस्या हो जाती है। साथ ही हार्टबीट धीमा होना, थकान, अधिक पसीना, हाथों में झुनझुनी और थायरॉयड ग्रंथि में खराबी, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसे लक्षण भी दिखायी जेते हैं।
शरीर में हार्मोन असंतुलन के कारण हर व्यक्ति को अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह असंतुलन मेटाबोलिक एक्टिविटी को प्रभावित कर सकता है
मोटापा शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है क्योंकि शरीर में चयापचय दर धीमी हो जाती है और वसा आसानी से ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होती है।
इन लक्षणों को पहचानने के बाद इलाज कराने में देर नहीं करना चाहिए। उचित खानपान और जीवनशैली में बदलाव से यह समस्या काफी हद तक ठीक हो जाती है।