सुषमा के स्नेहिल सृजन

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मां अन्नपूर्णा

मां अन्नपूर्णा

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रूपघनाक्षरी

मां अन्नपूर्णा

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अनाज भण्डार भरो, देवी माता अन्नपूर्णा, जयंती अन्नदा देवी, माता लक्ष्मी का हो वास।

मां अन्नपूर्णा

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मार्गशीर्ष पूनम में, शिव-शिवा पूजन से, खुश होती अन्नपूर्णा, पूर्णिमा है तिथि खास।

मां अन्नपूर्णा

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धरा गेहूँ बीज बोये, उन्नत फसल होवे, भूमिपुत्र श्रमवीर,, लगाये बैठे हैं आस।

मां अन्नपूर्णा

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‘सुषमा’ सुहाने खेत, अरहर फलियों से, झुकी-झुकी डालियाँ हैं, मौसम है शीत मास।

 ”सुषमा प्रेम पटेल (रायपुर छ.ग.)

लेखिका 

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