बलौदाबाजार के कोनारी में विद्यमान है प्राचीन स्वयंभू होती है मनोकामना पूरी
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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के पलारी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोनारी में प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग विद्यमान है, जहां मंदिर के पीछे एक ताम्रपत्र मिला था, जो 1216 ईसवी की है।
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ग्रामीण यह भी बताते हैं कि यह प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग पहले काफी छोटा था जिसका आकार और लंबाई बढ़ती जा रही है।
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ये मंदिर सिर्फ रेत और चुना से निर्मित है।
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मंदिर रायपुर से बलौदाबाजार मार्ग पर पलारी तहसील अंतर्गत ग्राम अमेरा से 6 किलोमीटर पूर्व दिशा में स्थित है।
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ग्रामीण बताते हैं कि गांव के मालगुजारों ने इसी शिवलिंंग को खुदवाकर अपने घर ले जाने की कोशिश की लेकिन उठा नहीं पाये।
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मालगुजार ने मंदिर निर्माण कराया और शिवलिंग की विशेष पूजन अर्चना की, जिसके बाद गांव के कई व्यक्तियों की मनोकामना पूरी हुई। एक साधु द्वारा शिवलिंग का नामकरण लोपेश्वर महादेव के नाम से किया गया।
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ग्राम कोनारी में प्रत्येक महाशिवरात्रि में भव्य मेला का आयोजन युवा जन कल्याण समिति द्वारा किया जाता है।
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भजन-कीर्तन के बाद प्रसाद स्वरूप मेले में भोजन-भंडारा की व्यवस्था की जाती है।