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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" ने  दिए सुनहरे पंख 

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

मिलिए खंम्हारडीह की शिक्षिका कामिनी साहू नवाचारी शिक्षिका के नाम से मशहूर है

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

रायपुर की शिक्षिका कामिनी साहू का  राज्यपाल पुरस्कार 2024 -25 हेतु चयन हुआ 

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

कामिनी साहू जी का कहना शिक्षा आधार स्तंभ है

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्होंने  समय-समय पर विभिन्न नवाचार किए

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

स्कूल में लगातार कम हो रही बालिकाआ की संख्या को देखे उन्होंने 2019-20 में "सुनहरे पंख" नाम से मुहिम छेड़ी

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

अभियान के माध्यम बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ और बच्चों में आत्मरक्षा का भी गुर बताती है शिक्षा आधार स्तंभ है 

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

2017 में सिर्फ 75 बालिकाएं पढ़ती थी, जो आज 120 से अधिक है उन्होंने कोरोना काल के समय "बोलती कटपुतियां" के माध्यम से बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ मौलिक जानकारी दी।

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

कामिनी   एनआइटी रायपुर से बायोमेडिकल बीटेक करने के बाद एमएससी और बीएड की शिक्षा प्राप्त की।

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार 2020 कोविड वोरियर्स  उत्कृष्ट कारियो के लिए सम्मनित हो चुकी है।

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"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"

साथ ही छत्तीसगढ़ रत्न  2020 सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी है l राष्ट्रीय स्तर  पर  शिक्षण उत्कृष्ट पुरस्कार 2020 से भी सम्मानित हो चुकी हैl