किशोर बच्चों के लिए विपश्यना ध्यान शिविर दो जून से
किशोर बच्चों के लिए विपश्यना ध्यान शिविर दो जून से
मन को एकाग्र करने और ऊर्जा को सही दिशा देने में कारगर है ध्यान
रायपुर. किशोर होते बच्चे ऊर्जा से भरे होते हैं और उनका मन बड़ा चंचल होता है। प्रतिस्पर्धा का तनाव भी आज बच्चों में अधिक है ऐसे में विपश्यना ध्यान बच्चों के मन को विचलन से बचाता है और एकाग्रता को बढ़ाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए किशोरों के लिए आठ दिवसीय विपश्यान ध्यान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 2 से 10 जून तक आयोजित ये शिविर 15 से 19 वर्ष के किशोर और किशोरियों के लिए अलग – अलग आयोजित हैं। दुर्ग जिले के थनौद स्थित धम्मकेतु विपश्यना ध्यान केन्द्र में किशोरियों और बिलासपुर के भरारी स्थित धम्मगढ़ विपश्यना ध्यान केन्द्र में किशोरों के लिए ये शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। विपश्यना ध्यान के शिविर निशुल्क आयोजित किए जाते हैं। शिविर में हिस्सा लेने हेतु पूर्व पंजीयन अनिवार्य है। इच्छुक प्रतिभागी इस लिंक पर https://www.dhamma.org/en/schedules/schketu
https://www.dhamma.org/en/schedules/schgarh जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं।
विपश्यना आचार्य डॉ सीताराम साहू ने बताया कि इस शिविर में शामिल होने वाले बच्चों को मौन रहते हुए ध्यान का अभ्यास कराया जाता है। साथ ही बच्चों को कुछ शील ( नियमों) का पालन करना होता है। किशोर बच्चे अपने जीवन में नया करने की चाह रखते हैं । उनके अंदर हो रहे बदलाव को कई बार समझ पाना मुश्किल होता है। ऐसे में बच्चे अधिक आक्रामक और कई बार गुमसुम हो जाते हैं। इन्हीं बातों से निपटने के लिए किशोर बच्चों को विपश्यना ध्यान के लिए प्रेरित किया जाता है।आचार्य डॉ साहू ने बताया कि ग्रीष्म अवकाश को देखते हुए बच्चों के लिए बाल शिविरों का भी आयोजन किया गया था। इसी कड़ी में अब किशोरों के लिए ये शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विपश्यना ध्यान पद्धति से जीवन सात्विक होता है तथा व्यक्ति मानसिक रूप से अधिक मजबूत होता है। यह व्यक्ति के साथ ही समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक है।आनापान के माध्यम से व्यक्ति अपने श्वास को देखते हुए अपने अंदर हो रहे बदलावों को जानता है। नियमित अभ्यास के बाद सबसे पहले व्यक्ति को बेचैनी, घबराहट , भय जैसी मानसिक परेशानी के बचाव होता है। समाज में फैल रही विकृतियों से बचने में विपश्यना ध्यान एक कारगर पद्धति है।