नई दिल्ली । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में 59वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक-पुलिस महानिरीक्षक (डीजी-आईजीपी) सम्मेलन में कहा कि देश की पूर्वी सीमाओं पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आप्रवासन और शहरी पुलिसिंग के ट्रेंड्स जैसे विषयों पर फोकस होना चाहिए।
तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री ने आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किए और केन्द्रीय गृह मंत्रालय की पुस्तक ‘रैंकिंग ऑफ पुलिस स्टेशन 2024’ का विमोचन भी किया। उन्होंने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों को भी ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।
अपने उद्घाटन सम्बोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने 2024 के आम चुनावों को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराने और 3 नए आपराधिक क़ानूनों को निर्बाध रूप से लागू करने के लिए पुलिस नेतृत्व को बधाई दी। केन्द्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में हुए सुधार जैसी महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर संतोष प्रकट किया।
अमित शाह ने कहा कि 3 नए आपराधिक क़ानूनों से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली, जो पहले दंड-केंद्रित थी, न्याय केंद्रित हो गई है। उन्होंने कहा कि इन नए क़ानूनों की मूल भावना भारतीय परंपरा से प्रेरित है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को संपूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने तथा 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सुरक्षा संस्थानों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। गृह मंत्री ने कहा कि देश की पूर्वी सीमाओं पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आप्रवासन और शहरी पुलिसिंग के ट्रेंड्स जैसे विषयों पर फोकस होना चाहिए। अमित शाह ने जीरो टोलरेंस पोलिसी के क्रियान्वयन के लिये जीरो टोलरेंस रणनीति तथा जीरो टोलरेंस कार्रवाई की दिशा में पहल करने का आह्वान किया।
अगले दो दिनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन, हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है और इसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुख तथा सीएपीएफ और सीपीओ के प्रमुख शामिल हुए। साथ ही देशभर से अनेक पुलिस अधिकारी वर्चुअल तौर पर इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। आज हुई चर्चाओं में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्यमंत्रियों और केंद्रीय गृह सचिव ने भी हिस्सा लिया।
सम्मेलन में देश का शीर्ष पुलिस नेतृत्व, मौजूदा एवं उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक खाका तैयार करेगा, जिनमें वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नारकोटिक्स, साइबर अपराध और आर्थिक सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। इसके साथ ही, 3 नए आपराधिक क़ानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति तथा पुलिसिंग से जुड़ी बैस्ट प्रैक्टिसिस की भी समीक्षा की जाएगी।