
देहरादून । उत्तराखंड में 30 अप्रैल से यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। सरकारी स्तर पर यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच केदारनाथ-बदरीनाथ पंडा समाज ने केदारनाथ मंदिर परिसर में वीडियो और रील बनाने पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्णय लिया है।

पंडा समाज के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मंदिर परिसर में वीडियो या रील बनाता हुआ पाया गया, तो उसे दर्शन किए बिना ही वापस भेज दिया जाएगा और भविष्य में प्रवेश पर भी रोक लगाई जा सकती है। इस संबंध में प्रशासन को भी पत्र भेजकर सूचना दी गई है।
केदारनाथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि पिछले साल यात्रा के दौरान वीडियो और रील बनाने वालों की भीड़ बढ़ गई थी। ग्लेशियर के ठीक नीचे, 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में ढोल-नगाड़ों के शोर के साथ वीडियो शूट किए गए, जिससे उच्च हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और यात्रियों को भी असुविधा हुई।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार केदारनाथ धाम में बैक डोर एंट्री भी पूरी तरह से बंद रहेगी, जिससे मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित की जा सके।