
नारायणपुर – जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग की अद्भुत कला और संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित किये जा रहे बस्तर पंडुम के नारायणपुर जिला स्तरीय महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर प्राकृतिक रूप से समृद्ध है, जिसे देखने के लिए देशी विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में आते हैं। आदिवासियों की संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप बस्तर पंडुम का आयोजन किया जा रहा है। बस्तर पंडुम के माध्यम से जनजातीय कला, लोककला, शिल्प, तीज-त्यौहार, खानपान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेश-भूषा, आभूषण, वाद्य यंत्र, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, नाट्य, व्यंजन और पेय पदार्थों के मूल स्वरूप को संरक्षित और कला समूहों के सतत विकास को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार वनवासी क्षेत्र में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई एवं बहनों की संस्कृति एवं जल जंगल जमीन को बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि वनांचल में रहने वाले लोग प्रकृति से जुड़े हुए हैं। 21 मार्च को आयोजित विश्व वानिकी दिवस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा को जिवित रखने के लिए हम कई अवसरों पर पत्ते से भोजन करते हैं। जंगल के लोग लघु वनोपज आम, आंवला, महुआ, टोरा, चिरोंजी, तेंदु, बेहड़ा, चार, गोंद इत्यादि पर निर्भर रहते हैं, इसे जनजातियों की संस्कृति माना जाता है। बस्तर के लोग देवी देवताओं, आराध्य देवी की भक्ति करने वाले लोग है। मंत्री कश्यप ने बस्तर के एतिहासिक धरोहर कुटुमसर की गुफा, चित्रकोट जलप्रपात, हांदावाड़ा, कांगेरवेली जैसे स्थानों का जिक्र करते हुए बस्तर की सुदरता को बनाए रखने कहा। उन्होंने गढ़बेंगाल में जन्में टायगर बॉय चेंदरू मण्डावी के द्वारा किये गये कार्यों का भी उल्लेख किया।
इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन देते हुए नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा मंमगाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनजातीय परंपरा एवं संस्कृति का संरक्षण संवर्धन कर उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए बस्तर पंडुम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने आव्हान करते हुए कहा कि आइए हम सब इस अभियान से जुड़कर इसे अक्षुण्ण बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे। कलेक्टर मंमगाईं ने नारायणपुर जिले के ओरछा एवं नारायणपुर विकासखंड में संपन्न हुए बस्तर पंडुम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नारायण मरकाम, नगरपालिका अध्यक्ष श्री इंद्रप्रसाद बघेल , छोटेडोंगर सरपंच एवं जिला भाजपा अध्यक्ष श्रीमती संध्या पवार ,सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन किया गया जिनमें जनजातीय नृत्य में नेतानार के कचरा वड्डे एवं साथियों ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।जनजातीय नाटक में कौशल कोर्राम एवं साथी, गीत में बोरावण्ड के हेमलता एवं साथी, वाद्ययंत्र में कोडोली के राजूराम एवं साथी, वेशभूषा एवं आभूषण में दिनेश सलाम एवं साथी, शिल्प एवं चित्रकला में बलदेव मण्डावी एवं साथी, पेय पदार्थ एवं व्यंजन में राधिका प्रतिमा एवं साथियों को पुरस्कार प्रदाय किया गया।
बस्तर पंडुम में प्रमुख रूप से पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद मांझी, पद्मश्री पंडीराम मण्डावी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री प्रताप सिंह मण्डावी, जनपद पंचायत नारायणपुर के अध्यक्ष श्रीमती पिंकी उसेण्डी, ओरछा जनपद अध्यक्ष नरेश कोर्राम, नगरपालिका उपाध्यक्ष जय प्रकाश शर्मा, नारायणपुर जनपद उपाध्यक्ष श्री चैतुराम कुमेटी और ओरछा जनपद उपाध्यक्ष श्री मंगड़ूराम नूरेटी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, सीईओ जिला पंचायत आकांक्षा शिक्षा खलखो, डीएफओ ससिगानंदन के, अपर कलेक्टर बीरेन्द्र बहादुर पंचभाई, एसडीएम अभयजीत मंडावी, सहायक आयुक्त राजेंद्र सिंह,जिला शिक्षा अधिकारी रमेश निषाद, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन अभियंता एस. के. वर्मा, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक चौधरी, सहायक संचालक उद्यानिकी तोषण चंद्राकर, सीएमओ नगर पालिका आशीष कोर्राम, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी लुपेंद्र महीनाग, उपसंचालक कृषि लोकनाथ भोयर , सीईओ ओरछा जनपद लोकेश चतुर्वेदी ,सीईओ जनपद नारायणपुर एल.एन.पटेल सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।