Special Report : धनसुली पत्थर खदान ग्रामवासियों के जीवन के लिए बना खतरा
बिना रायल्टी गिट्टी परिवहन, शासन को करोड़ों का चपत, घरों में बड़ी-बड़ी दरारों से ग्रामीण दहशत में
रायपुर। राजधानी से 15 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम धनसुली में पर्यावरण विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाकर उत्खनन किया जा रहा है। इससे ग्रामवासी भयक्रांत हैं। ग्रामवासियों का आरोप है खदान की बेतरतीब खुदाई से पशुधन की क्षति रोजाना हो रही है। वहीं आम लोगों के जीवन पर भी खतरा मंडराते रहता है। अब तक खदान में कई हादसे हो चुके हैं, जिसे लीपापोती कर दबा दिया गया है। वहीं सरकार का राजस्व विभाग और पर्यावरण विभाग की खामोशी सवालों के समझ से परे है।
प्रतिदिन राजधानी की खास रिपोर्ट में खुदाई के कई रहस्यों को उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि आम लोगों के जीवन को बचाया जा सके। कई खदान 200-200 फीट तक खदानों की खुदाई करके पत्थर निकाल रहे हैं। 20-20 फीट के होल डालकर बारूद से उत्खनन कर रहे हैं परिणाम स्वरूप धनसुली ग्राम कई सैकड़ों मकानों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है। खदानों को खुला छोड़ दिया है, बिना क्रेसिंग तार और सुरक्षा घेरे लगाए, मजदूर बिना हेंड सेफ्टी और सुरक्षा के ही काम कर रहे हैं, मजदूरों के पास न सेफ्टी जूता न चश्मा और न ही हेंड सेफ्टी है। ओवर लोड गाड़ी लोडिंग करके गिट्टी परिवहन कर रहे हैं,बिना रायल्टी गिट्टी का परिवहन किया जा रहा है, लेकिन इस ओर न ही पंचायत संज्ञान ले रही है और खनिज विभाग के आलाधिकारी सूध ले रहे हैं नतीजतन सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है।
बिना रियाल्टी का गिट्टी परिवहन
धनसुली गिट्टी खदानों से परिवहन किया जा रहा है। पड़ताल करते यह बात सामने आई है, क्षमता से अधिक गिट्टी परिवहन किया जा रहा है कोई रामल्टी पर्ची नहीं था बावजूद इसके 38-38 टन गिट्टी भर के सप्लाई व परिवहन की जा रही है वहीं एक खदान मालिक के घर्म कांटा में वजन किया जा रहा था, जहां पड़ताल पर पता चला 3800 टन माल भरा हुआ था। ओवर लोड की बात की तो धर्म कांटा संचालक ने वापस वजन कम करवाया। पड़ताल से यह बात सामने आई है कि कई खदान मालिक एक ही रायल्टी पर्ची पर दिनभर करीब 8 से 10 बार एक ही रायल्टी पर्ची से परिवहन किया जा रहा है। जिससे शासन को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व की क्षति हो रही है तो वहीं एक आंकड़े के मुताबिक हर महीना देखा जाए तो कई करोड़ रुपए की क्षति हो रही है इस पर खनिज विभाग के अधिकारी के मिली भगत और संरक्षण की बात भी सामने आई है।
सुरक्षा मानकों का पालन नहीं
पत्थर खदान धनसुली क्षेत्र में संचालित हो रहे खदानों में बिना सुरक्षा मानक के खनन कराया जा रहा है जहां पर ग्रामीण बस्ती से लगे हुए खदान 200-200 पफेट गहरे हैं तो वहीं इसके ग्रामीणों की जान माल व जानवरों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार से खदान संचालकों के द्वारा सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं की गई है। इस वजह से कई ऐसे जानवर का असमय ही मौत का गाल समा रहे हैं। खदान के किनारे किसी भी प्रकार से तार फेंसिंग या अन्य सुरक्षा घेरा का उपाय नहीं किया गया है इसके बावजूद किसी भी प्रकार से इन खदान संचालकों का कोई कार्रवाई नहीं होती है। साल भर पहले धनचुली के ग्रामीण का पुत्र अरोड़ा गिट्टी खदान में ड्राइवर का काम करता था जो ट्रक सहित करीब डेढ़ सौ फिट नीचे से गिर गए, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी खदान प्रबंधन पर किसी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जानकारी ऐसी भी है कि पीडि़त परिजन को उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है इस वजह से ग्रामीण सहित पीडि़त परिवार में खदान को लेकर और खदान और संचालकों के खिलाफ पुरुष व्याप्त है।
खनिज अधिकारी से नहीं हुआ संपर्क
उपरोक्त विषय में ग्रामवासियों और प्रतिदिन राजधानी के उठाए सवालों को लेकर खनिज अधिकारी के. के. गलकोट से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। यहां तक की व्हाट्सप पर भी सूचना देकर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया। लिहाजा अधिकारी के जवाबों की प्रतिक्रिया का इंतजार…