नियद नेल्लनार क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाने पर जोर
नियद नेल्लनार क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाने पर जोर
महिला बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी ने बुधवार को इंद्रावती भवन में नियद नेल्लानार योजना के क्रियान्वयन वाले जिलों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने धरातल पर हो रही प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए ताकि क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि माताओं और बहनों को शासन की सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ मिले।
श्रीमती आबिदी ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर संभाग के कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों में शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ योजनाबद्ध तरीके से लोगों तक पहुंचाया जाना है। सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला बाल विकास विभाग की महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, रेडी टू ईट, और नोनी सुरक्षा योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को मिलना चाहिए। उन्होंने गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं, बच्चों, और किशोरी बालिकाओं के समय पर स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण और वजन लेने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार की पहल:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा बस्तर अंचल के सुदूर वनांचल, विशेषकर नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और वनवासियों को सरकार की योजनाओं का बिना किसी व्यवधान के लाभ पहुंचाने के प्रयास सफल हो रहे हैं। शासन की नियद नेल्लानार योजना के तहत अब सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं तेजी से इन वंचित गांवों तक पहुंचने लगी हैं।
बैठक में महिला बाल विकास विभाग की संचालक तुलिका प्रजापति और विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की और भविष्य की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया।
इस बैठक से स्पष्ट है कि सरकार और विभाग द्वारा क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाने और महिलाओं को शत प्रतिशत लाभ दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों के निर्देशों का पालन कर क्षेत्र की स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिशें जारी हैं।