Mp News : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से मृदुल के जीवन में लौट आया माधुर्य
Mp News : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से मृदुल के जीवन में लौट आया माधुर्य
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ जीवन जिये। लेकिन कई बार विपरीत परिस्थितियों के कारण अगर बच्चा किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाए, तो पूरा परिवार उसके इलाज में आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होता है। अगर परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत न हो, तो वह बच्चे की बीमारी पूरे परिवार के लिये अभिशाप बन जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ ब्लॉक के जाम निवासी मृदुल खंडागरे की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!लंबे समय तक ह्रदय रोग से पीड़ित मृदुल को मिले इलाज के बाद अब मृदुल पूरी तरह स्वस्थ हैं। उसके जीवन में माधुर्य लौट आया हैं। पिता संदीप खंडागरे मृदुल की इस बीमारी को याद करते हुए सिहर उठते हैं। वे कहते हैं कि मृदुल जन्म के बाद ही स्तनपान नहीं पर पा रहा था। यह देख वह और उनकी पत्नी दोनों ही परेशान हुए। उन्होंने तुरंत डॉक्टर से चर्चा कर जांच करवाई, तो पता चला कि मृदुल को ह्रदय रोग है। डॉक्टर ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी। लेकिन उनकी स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी, कि वे ऑपरेशन का बड़ा खर्चा उठा सकते। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें तभी उन्हें जिला चिकित्सालय से मालूम हुआ कि ‘राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम’ में मृदुल की बीमारी का इलाज हो सकता है और इलाज का पूरा खर्चा सरकार उठाती है।
मृदुल के पिता ने तुरंत डॉक्टर से मिलकर बेटे का ऑपरेशन करने की सहमति दी। छिंदवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ऑपरेशन के लिये 90 हजार रूपये मंजूर किए। मृदुल का इलाज मुंबई के नारायण ह्रदयालय एसआरसीसीसी चिल्ड्रन अस्पताल में हुआ। ऑपरेशन के बाद अब मृदुल पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। सरकार की इस योजना ने मृदुल का जीवन बचा लिया है। मृदुल के माता-पिता केन्द्र सरकार का ह्रदय से आभार मानते हैं।
उल्लेखनीय है कि बच्चों में जन्म से 18 वर्ष तक की उम्र तक 32 तरह की होने वाली विभिन्न गंभीर बीमारियों के सुलभ इलाज के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत अब तक करोड़ों बच्चों को लाभान्वित कर समुचित इलाज किया गया है।
