मुख्यमंत्री साय की पहल पर पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए 8 बैंकों के साथ हुआ एमओयू
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पहल को पुलिस कर्मियों के लिए सुरक्षा और सहयोग का एक मजबूत आधार बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता पुलिस विभाग के कर्मचारियों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल पुलिस कर्मियों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा, बल्कि उनके परिवारों की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की सुशासन और पारदर्शिता की नीति को और मजबूत करेगी और पुलिस कर्मियों के कार्यक्षमता और मनोबल में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस पहल को पुलिस विभाग के कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपनी सुविधा और आवश्यकता के अनुसार किसी भी बैंक में सैलरी खाता खोल सकते हैं। इसके लिए किसी भी प्रकार की बाध्यता या अतिरिक्त शुल्क नहीं होगा। सभी बैंकों से प्राप्त प्रस्ताव पुलिस इकाइयों को भेजे जाएंगे ताकि पुलिस कर्मी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सबसे उपयुक्त बैंक का चयन कर सकें। यह समझौता पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के लिए कई लाभ प्रदान करेगा। इसमें सामान्य मृत्यु के मामलों में रुपये 1 लाख से रुपये 10 लाख तक की जीवन बीमा राशि, दुर्घटना में मृत्यु के मामलों में रुपये 10 लाख से रुपये1 करोड़ तक की सहायता, स्थायी विकलांगता के मामलों में रुपये 30 लाख से ₹1 करोड़ तक और आंशिक विकलांगता के लिए रुपये 22.5 लाख से रुपये 1 करोड़ तक की बीमा राशि का प्रावधान शामिल है। बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए रुपये 4 लाख से रुपये 20 लाख तक और कन्या विवाह के लिए रुपये5 लाख से रुपये10 लाख तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध होगी। नक्सल हिंसा में शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों के परिवारों के लिए रुपये10 लाख से रुपये50 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।