छत्तीसगढ़
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5 सूत्रीय मांग को लेकर अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन का आंदोलन

कार्यालयों में पसरा सन्नाट्टा, पूरे प्रदेश में आंदोलन सफल रहा

रायपुर । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर काम बंद कलम बंद आंदोलन आज 27 सितंबर को पूरे प्रदेश तथा 148 विकास खण्डों में सफल रहा। सभी जिलों में धरना प्रदर्शन रैली निकाली गई। कुछ जिलों में बरसते पानी में भी कर्मचारियों ने अपना आक्रोश प्रकट किया। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने बताया है कि कमल वर्मा प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में राजधानी के कर्मचारी इंडोर स्टेडियम बूढ़ा तालाब में धरना देकर सभा संपन्न की।

इस आंदोलन में पेंशनर कर्मचारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। क्योंकि पेंशनरों को महंगाई भत्ता और विलंब से मिलता है। प्रमुख रूप से पेंशनर संघ के अध्यक्ष चेतन भारती, के व्ही आयंगर, सी एल दुबे, विजय कुमार झा, विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के सेवानिवृत्ति महासचिव प्रदीप मिश्रा, नगर निगम कर्मचारी संघ सहित सभी विभागों के कर्मचारी आंदोलन में शामिल हुए। कलेक्टर कार्यालय व तहसील कार्यालय में तालेबंदी रही। श्री झा ने अपने संबोधन में आठवें वेतन आयोग का गठन न होने, तूता धरना स्थल का प्रतीकात्मक विरोध करते हुए बूढ़ा तालाब में धरना देने, केंद्र और राज्य के कर्मचारियों में महंगाई भत्ता, गृहभाड़ा, नगर क्षतिपूर्ति भत्ता, अवकाश नगदीकरण में भेदभाव कर प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को आर्थिक क्षति पहुंचाएं जाने की निंदा की। जब बाजार एक, महंगाई एक, तो महंगाई भत्ता में भेदभाव स्वीकार्य नहीं है।

रायपुर नगर पालिक निगम अधिकारी कर्मचारी एकता संघ ने निकाली रैली

छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर हड़ताल का समर्थन करते हुए रायपुर नगर पालिक निगम अधिकारी कर्मचारी एकता संघ ने निगम उद्यान से रैली निकाल कर इनडोर स्टेडियम पहुंचे और हड़ताल का समर्थन दिया। इससे पहले संघ के सदस्य निगम उद्यान में एकत्रित हुए और मांगों को लेकर नारेबाजी की। यहां से रैली के शक्ल में इनडोर स्टेडियम पहुंचे और मांगों को समर्थन देते हुए छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ के साथ सहभागिता दिखाई। बता दे कि छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ पांच सूत्री मांग को लेकर आंदोलन आयोजित किया था इसमें केंद्र की तरह 1 जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता, महंगाई भत्ते की बकाया राशि जुलाई 2019 से नियत तिथि पर इपीएफ खाते में समायोजित किया जाए। घोषणा पत्र के अनुसार शासकीय कर्मचारियों को समय मान वेतन दिया जाए केंद्र की तरह मकान किराया भत्ता दिया जाए एवं मध्य प्रदेश सरकार की तरह शासकीय अधिकारी कर्मचारियों को 240 दिन की जगह 300 दिन का अवकाश नकदी कारण किया जाए।

रविवि सेवानिवृत कर्मचारीओ ने दिया पूरा समर्थन


पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सेवानिवृत कर्मचारीओ ने फेडरेशन के चार सूत्रीय मांगों के आंदोलन का पूरा समर्थन देते हुए पूरे समय धरना स्थल इंडोर स्टेडियम में डटे रहे।
प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि वि वि के कर्मचारी जो 31/12/2015 को सेवानिवृत होते हैं उन्हें राज्य शासन सातवें वेतन मान के आधार पर पेंशन देता है जबकि ये कर्मचारी सातवे वेतन मान के आधार पर अपने सेवा काल में एक भी दिन का वेतन नही लिया होता है । वहीं विडम्बना देखीये 1/1/2016 से सातवें वेतन मान के आधार पर वेतन लेते हुए वि वि के सभी वर्ग के कर्मचारी भाई जो सेवानिवृत होते हैं उन्हे छठवें वेतनमान के आधार पर शासन पेंशन देता है।
सेवानिवृत विश्वविद्यालायीन कर्मचारियो को सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन देने हेतु शीघ्र आदेश जारी करने की मांग की। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय कर्मचारी संघ के पूर्व सचिव मिश्र के साथ सभी सेवानिवृत कर्मचारीयो ने मुख्य मंत्री को 4 जुलाई 2024 को जन दर्शन में पत्र दे कर चर्चा कर चूका है इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से भी प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा करके पत्र दे चुका है।

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