कमेटी का सुझाव, एनटीए ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में मुहैया कराए मोबाइल सेंटर की सुविधा
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को घंटों की लंबी दूरी तय कर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की चुनौती से मुक्ति मिल सकती है। इन क्षेत्रों में अब मोबाइल टेस्टिंग सेंटर की तैनाती दी जा सकती है। जहां छात्र आसानी से आकर अपनी परीक्षा दे सकेंगे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के काम-काज में सुधार को लेकर गठित उच्चअधिकार प्राप्त समिति ने परीक्षाओं को व्यवस्थित ढंग से कराने को लेकर जो अहम सुझाव दिए है, उनमें जेईई मेन व नीट जैसी परीक्षाओं को मोबाइल टेस्टिंग सेंटर के जरिए कराने का सुझाव दिया है।
40 से 50 सीटों की होगी क्षमता
इसके लिए बसों का एक काफिला गठित करने पर जोर दिया है। समिति ने अपने सुझाव में मोबाइल टेस्टिंग सेंटर के लिए 40 से 50 सीटों की क्षमता वाली बसों को टेस्टिंग सेंटर में तब्दील करने का सुझाव दिया है। जिसमें एक बस में 30 छात्रों की परीक्षा की व्यवस्था करने को कहा है। इन बसों में इंटरनेट के साथ 30 लैपटॉप, बिजली और सर्वर की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है। वहीं ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में ऐसी पांच बसों का काफिला चलाने को कहा है, ताकि एक साथ डेढ़ सौ छात्रों की परीक्षा ली जा सकें।
यही नहीं समिति ने मोबाइल टेस्टिंग सेंटर को उन क्षेत्रों में लागू करने की सलाह दी है, जहां सिर्फ एक ही सेंटर रहते है। ऐसे में वहां इस बसों के काफिले को भेजकर परीक्षाएं कराई जा सकती है। समिति ने एनटीए को पीपीपी मोड पर फिलहाल पांच से दस बसों को इस तरह से तैयार करने को कहा है। इसके साथ ही इस तकनीक का इस्तेमाल नार्थ-ईस्ट, पहाड़ी राज्यों के साथ अंडमान निकोबार में करने का सुझाव दिया है।
समिति यह सुझाव तब दिया है, जब अभी देश के कई हिस्सों में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के लिए घंटों का सफर करना पड़ता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत एनटीए छात्रों की संख्या कम होने के चलते छोटे-छोटे क्षेत्रों में परीक्षा सेंटर नहीं बनाती है।
परीक्षाओं में न दिए जाएं चार से अधिक मौके
समिति ने इसके साथ ही परीक्षाओं में मिलने वाले अनगिनत मौके को खत्म करने का भी सुझाव दिया है। साथ ही कहा है कि किसी भी परीक्षा में चार से अधिक मौके न दिए जाएं। इससे न सिर्फ परीक्षाओं पर पड़ने वाला दबाव खत्म होगा बल्कि छात्रों को तनाव से मुक्ति मिलेगी। अभी नीट जैसी परीक्षाओं में अनगिनत मौके मिलने से छात्र उनमें बार-बार शामिल होते रहते है और असफल होने से उनमें भारी निराशा की स्थिति पैदा होती है। लंबा समय एक ही परीक्षा की तैयारी में देने के बाद छात्र के पास दूसरे विकल्प भी खत्म हो जाते है।
समिति की यह कुछ अहम सिफारिशें
परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए एक शिकायत प्रकोष्ट गठित किया जाए। जहां उनकी शिकायतों का तय समय में निराकरण किया जाए।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले को¨चग सेंटर्स के लिए ऐसा तंत्र विकसित किया जाए, जिससे छात्रों को समय और पैसों की चिंता से बचाया जा सके। देश भर में चरणबद्ध तरीके से कम से कम एक हजार टेस्टिंग सेंटर बनाए जाए। इनका निर्माण प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में ही किया जाए।