भ्रष्टाचार न करने वाली सरकार पुरानी सरकार के भ्रष्टाचार से सबक लेती है और ऐसी व्यवस्था करती है कि पुरानी सरकार में जिस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा था कम से कम उस तरह से भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न रहे।कोई उस तरह से इस सरकार में भ्रष्टाचार न कर सके।जब सरकार सोच लेती है कि पहले जिस तरह का भ्रष्टाचार होता था, उस तरह का भ्रष्टाचार होने ही नहीं देना है तो वह उसे रोकने का उपाय भी कर लेती है।पिछली सरकार के समय डुप्लीकेट होलोग्राम बनवाकर कई हजार करोड़ का शराब घोटाला किया गया था।पिछली सरकार भी चाहती तो डुप्लीकेट होलोग्राम बनवाकर शराब घोटाले पर रोक लगा सकती थी। लेकिन उनकी तो योजना ही दूसरी थी।वह ताे चाहती नहीं थी कि शराब घोटाले करने वालों को किसी तरह की परेशानी हो।वह घोटाला करें,खूब पैसा बटोरे और जिन लोगों तक पहुंचाना है, पहुंचा दें।
साय सरकार ने डुप्लीकेट होलोग्राम से हजारों करोड़ों का शराब घोटाले से सबक लिया है और पहले तो यह विभाग सीएम ने अपने पास रखा ताकि कोई दूसरा पैसे के लालच में कहीं बेईमान हो जाए और सरकार की बदनामी हो, पिछली सरकार और साय सरकार में कोई फर्क न रह जाए।साय सरकार की पूरी कोशिश है कि पिछली सरकार की तुलना में उनकी सरकार सौ फीसदी ईमानदार दिखनी चाहिए। इसलिए वह पिछली सरकार में हुई गलतियों से सबक ले रहे हैं और ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि कहीं कोई भ्रष्टाचार न कर सके। इसके लिए पहले उन्होंने शराब नीति ही बदल दी जिसमें भ्रष्टाचार की पूरी गुंजाइश थी।राज्य के लिए नई शराब नीति बनाकर साय सरकार ने बता दिया कि वह पिछली सरकार की तरह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली नहीं है,वह भ्रष्टाचार को समाप्त करने वाली है। शराब नीति के जरिए ईमानदारी की राह पर चलने का जो संदेश साय सरकार ने जनता को दिया था, वह उसी पर आज भी आगे बढ़ रही है।जनता को कदम कदम पर एहसास दिला रही है कि वह भ्रष्टाचार के मामले में पिछली सरकार से अलग है और भविष्य में भी अलग ही रहेगी।
इसके लिए वह निरंतर प्रयास कर रही है पिछली सरकार के समय हुए शराब घोटाले की जांच एसीबी व केंद्रीय जांच एजेंसियां कर रही हैं। उनका आरोप है कि पिछली सरकार के समय दूसरे प्रदेश में डुप्लीकेट होलोग्राम बनवाकर शराब घोटाला किया गया।ऐसा घोटाला कोई साय सरकार के समय न कर सके इसके लिए साय सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है। साय सरकार ने नासिक में नोट छापने वाली सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड से राज्य में शराब बेचने के लिए होलोग्राम बनवाए हैं। इस कंपनी से प्रदेश को अब तक दो करोड़ होलोग्राम मिल चुके हैं।नासिक में छपे होलोग्राम में सुरक्षा के लिए यानी कोई उसकी नकल न कर सके इसके लिए अल्ट्रा वायलेट इंक का प्रयोग किया गया है।
बताया जाता है कि यह पहली बार है जब आरबीआई से जुड़ी संस्था ने राज्य में शराब बिक्री के लिए होलोग्राम की प्रिटिंग की है। यह पिछली सरकार के समय के होलोग्राम से ९ रुपए महंगा है लेकिन सरकार पैसे भले खर्च हो, भ्रष्टाचार को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। होलोग्राम की जरूरत क्यों होती है तो बताया जाता है कि इसके जरिए सरकार को राजस्व मिलता है।इसका रिकार्ड रखा जाता है।बोतल पर होलोग्राम लगे रहने का मतलब होता है कि एक्साइज ड्यूटी दी जा चुकी है।सबको मालूम है कि शराब से सरकार को बड़ी आय होती है तथा इस आय को बढ़ाया जा सकता है।तीन सरकार के समय की आय से इसकी पुष्टि होती है कि हर सरकार के समय शराब से होने वाली आय बढ़ी है।भूपेश बघेल सरकार के समय छह हजार करोड़ रुपए की आय हुई थी। साय सरकार ने ११ हजार करोड़ आय का लक्ष्य तय किया है।कोई भी नई सरकार आती है तो चुनावी वादों के कारण उसका खर्च बढ़ जाता है,बजट बढ़ जाता है, इसके लिए जरूरी हो जाता है कि वह आय भी बढ़ाए।
आय बढ़ाने पर सरकार को बढ़े हुए खर्च के लिए कर्ज नहीं लेना पड़ता है।पिछली सरकार ने आय नहीं बढ़ाई इसलिए उस कर्ज लेना पड़ा था जिसका भार आज की सरकार को उठाना पड़ रहा है।पिछली सरकार गर्व से कहती थी उसने जनता की जेब में १.७५ लाख करोड़ रुपए डाले हैं लेकिन यह नहीं बताती थी कि उसने हर व्यक्ति के सिर पर कितने कर्ज का बोझ डाला है।जनता इस बात को समझती है कि कोई भी सरकार मुफ्त में कुछ नहीं देती है, वह जनता के पैसे से जनता को मुफ्त देने का नाटक करती है, जनता की एक जेब से ज्यादा पैसा निकालती है और दूसरी जेब में कम पैसा डालती है। ऐसी होशियार सरकार को जनता पांच साल ही सहन करती है। चुनाव में बदल देती है।
(रामप्रसाद दुबे)