
CG NEWS : छत्तीसगढ़ बनेगा प्रोटीन हब, रायपुर में शुरू हुआ देश का सबसे बड़ा पोल्ट्री कॉन्क्लेव
जतिन नचरानी-
रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार को दो दिवसीय पोल्ट्री कॉन्क्लेव का शानदार शुभारंभ हुआ। यह आयोजन देश का सबसे बड़ा पोल्ट्री कॉन्क्लेव माना जा रहा है, जिसमें देशभर के पोल्ट्री फार्मर्स और ट्रेडर्स हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर आईबी ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) बहादुर अली और डायरेक्टर जोया आफरीन आलम ने रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों को विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह कॉन्क्लेव न केवल पोल्ट्री उद्योग को नई दिशा देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को देश का पहला प्रोटीन हब बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। बहादुर अली ने कहा कि आईबी ग्रुप ने केंद्र सरकार के ‘विकसित भारत’ लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2035 तक ‘विकसित पोल्ट्री राष्ट्र’ बनाने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि इससे देश में प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकेगा, जिससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। साथ ही, इस पहल से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि एक पोल्ट्री फार्म की स्थापना से आसपास के 300 से 500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। इसीलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी सरपंचों से अपील की कि वे आईबी ग्रुप के साथ जुड़कर अपने गांवों में पोल्ट्री फार्म स्थापित करें, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। इसके अलावा, बहादुर अली ने पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनका भविष्य संवरेगा।
आईबी ग्रुप, जो देश के पोल्ट्री व्यवसाय में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है, छत्तीसगढ़ को प्रोटीन उत्पादन का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कॉन्क्लेव में इस दिशा में तकनीकी और व्यवसायिक विस्तार पर चर्चा होगी, जिसमें आधुनिक पोल्ट्री तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू के तौर पर बहादुर अली ने मक्का खेती को बढ़ावा देने की बात कही।
उन्होंने बताया कि आने वाले दशक में छत्तीसगढ़ के किसान धान के विकल्प के रूप में मक्के की खेती की ओर बढ़ सकते हैं। मक्का की खेती न केवल सुरक्षित और पानी की कम जरूरत वाली है, बल्कि इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी। यह पोल्ट्री उद्योग के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में भी सहायक होगी। इस कॉन्क्लेव के जरिए आईबी ग्रुप का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को न केवल प्रोटीन हब बनाना है, बल्कि इसे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त राज्य के रूप में स्थापित करना भी है। यह आयोजन राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।