रिपोर्ट में दावा : वायु प्रदूषण के कारण बढ़ता स्वास्थ्य जोखिम
रिपोर्ट में दावा : वायु प्रदूषण के कारण बढ़ता स्वास्थ्य जोखिम
स्वास्थ्य प्रभाव संस्था (Health Effects Insititute) द्वारा जारी रिपोर्ट के पांचवें संस्करण से स्पष्ट होता है कि 2021 में दुनिया भर में 81 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई और लाखों अन्य इससे संबंधित घातक एवं गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। खासतौर पर पांच साल से छोटे बच्चे, वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं, और 2021 में इस आयु वर्ग के 7 लाख बच्चों ने वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवाई है।
स्वास्थ्य परिणामों का पूर्वानुमान
वैश्विक वायु स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, परिवहन, आवास, जंगलों की आग व अन्य क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन तथा बायोमास जलाने से उत्पन्न होने वाले बाहरी सूक्ष्म कण (PM2.5) जैसे प्रदूषक, वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण से होने वाली 90 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण हैं। इसकी निगरानी के जरिए, सबसे सुसंगत एवं सटीक तरीके से दुनिया भर में गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
इसके अलावा घरेलू वायु प्रदूषण, वाहनों के धुएं में पाए जाने वाले ओजोन (O3) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) आदि अन्य प्रदूषक भी वैश्विक स्तर लोगों की गिरती सेहत के लिए जिम्मेदार हैं। Health Effects Insititute की अध्यक्ष, डॉक्टर एलीना क्राफ्ट का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी, ठोस बदलाव लाने की प्रेरणा देगी।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। हम जानते हैं कि वायु की गुणवत्ता व वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाना, न केवल व्यवहारिक है बल्कि पूर्णत: सम्भव भी है। लोगों की सेहत पर बुरा असर डालने के अलावा, PM2.5 जैसे प्रदूषक ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि करते हैं, जिससे ग्रह का तापमान बढ़ता है। पृथ्वी गर्म होने से, उच्च स्तर की NO2 वाले क्षेत्रों में, ओजोन का स्तर भी बढ़ता है, जिसके स्वास्थ्य परिणाम गम्भीर होते हैं।