नई दिल्ली । गुरुवार को राज्यसभा से भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पारित हो गया। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने गुरुवार को राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पेश किया। यह विधेयक एयर क्राफ्ट एक्ट 1934 का स्थान लेगा। लोकसभा विधेयक को पिछले सत्र में पारित कर चुकी है।
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विधेयक में विमान के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, अधिकार, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात और आयात के विनियमन और नियंत्रण तथा उससे जुड़े मामलों का प्रावधान है।
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राज्यसभा में भोजनवकाश के बाद इस भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पर चर्चा शुरू हुई। व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने और विमानन क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने की मांग करने वाले ‘भारतीय वायुयान विधेयक, 2024’ पर चर्चा में भाग लेते हुए टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने विधेयक के हिन्दी नाम का विरोध किया।
इस बीच भाजपा के सांसद भीम सिंह ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि पुराने विधेयक में अबतक 21 संशोधन किए जा चुके थे। उसमें सिर्फ 19 खंड थे। मौजूदा विधेयक में 43 धाराएं शामिल की गई हैं।
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भारतीय वायुयान विधेयक 2024 भारत को डिजाइन राज्य के रूप में सक्षम बनाने, विनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहित करने और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने पर जोर देता है।
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विधेयक को पेश करते समय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि विधेयक 1934 के एयर क्राफ्ट एक्ट को प्रतिस्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि 1934 में अग्रेजों के काल में बने नागरिक उड्डयन क्षेत्र को विनियमित करने से जुड़े विधेयक में 90 सालों के दौरान 21 बार संशोधन हो चुके हैं। इसके चलते विधेयक के प्रावधान अव्यवस्थित से हो गये थे। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने भारत को सुझाव दिया था कि नए सिरे से विधेयक लाएं। विधेयक में नागरिक उड्डयन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों को विनियमित करने वाली संस्थाओं के कामकाज को लेकर स्पष्टता लाई गई है।