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छत्तीसगढ़

राममय हुई इंदौर नगरी, जय श्री राम के नारों से गूंज उठा शहर

भोपाल। संपूर्ण इंदौर शहर के लिए अविस्मरणीय बन गया जब जय श्री राम की गूंज और मंत्रों के उच्चारण के मध्य मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लक्ष्मण सिंह गौड़ उद्यान में आयरन स्क्रैप से निर्मित श्रीराम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति का अनावरण किया।

मध्यप्रदेश से अयोध्या पहुंचाए जाएंगे 5 लाख लड्डू

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्री राम ने अपने जीवन काल में कई लोगों को जोड़कर उनके अंर्तऊर्जा का जागरण किया है। वे हम सभी के लिए प्रेम और स्नेह की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने जो आदर्श जीवन जिया है वह हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। हमें भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभानी चाहिये। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रदेश से 5 लाख लड्डू भिजवाए जाएंगे। कई हजार वर्ष पहले मालवा के ही सम्राट विक्रमादित्य द्वारा भगवान श्री राम का मंदिर स्थापित किया गया था, उस समय भी इसी तरह पूरे देश में उत्साह का माहौल था जो हम आज देख रहे हैं।

इंदौर नगर निगम को दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को 7वी बार स्वच्छता में नंबर वन आने पर नगर निगम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंदौर सदैव ही अपने नए-नए नवाचारों के लिए जाना जाता रहा है और उसी क्रम में आज लोहे के स्क्रेप से बनी यह श्री राम मंदिर की प्रतिकृति हम सबके लिए एक यादगार क्षण है। जो लोग अयोध्या नही जा सकते वे यहां से ही अयोध्या का आनंद ले कर श्रीराम को प्रणाम कर सकते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि 22 जनवरी को वह दीप जला कर दिवाली मना कर उस दिवस को यादगार बनाएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर उज्जवल सोलंकी की टीम जिन्होंने तीन माह में इस मंदिर की प्रतिकृति को तैयार किया उनको सम्मानित किया। उन्होंने श्री राम मंदिर का अवलोकन भी किया।

उल्लेखनीय है कि देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में अपने नवाचारों के लिए जाना जाता है। अपनी इसी छवि को नया रूप देते हुए इंदौर नगर निगम द्वारा शहर के विश्राम बाग में भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति तैयार कराई गई है। यह प्रतिकृति 21 टन लोहे के कबाड़ से तैयार की गई है। मजदूरों ने कुल 3 महीने में इस मंदिर का निर्माण किया है। आयरन स्क्रैप से निर्मित इस राम मंदिर को बनाने में पुराने वाहनों के चेचिस, स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खंबे, पुराने खराब झूले, पार्कों की टूटी फूटी ग्रिल, गेट्स, चैन सॉकेट, आदि पुराने लोहे का उपयोग किया गया है। यह मंदिर अपनी भव्यता को दर्शाते हुए श्री राम की महिमा का वर्णन करता है।

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