International news : ‘नेपाल के प्रति भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं
International news : 'नेपाल के प्रति भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं
नेपाल के बीते कुछ दिन सियासी उठापटक से भरे रहे हैं। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के साथ पंद्रह साल पुरानी साझेदारी खत्म करके मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। उनके इस कदम का वहां के सात प्रदेशों की सरकारों पर भी असर पड़ा है। प्रदेशों की सरकारों के अस्थिर होने का खतरा बढ़ गया है। इस बीच, भारत सरकार ने हिमालयी राष्ट्र के प्रति अपनी नीति को लेकर बड़ा आश्वासन दिया है। भारत ने शुक्रवार को नेपाल को आश्वासन दिया है कि नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी केंद्र) के बीच गठबंधन टूटने और नई सरकार के गठन के बाद हिमालयी राष्ट्र के प्रति उसकी नीति अपरिवर्तित रहेगी।
नेपाली मीडिया ने बताया कि भारत की ओर से यह आश्वासन नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव की ओर से मिला है। नेपाल के प्रति भारत की नीति के संबंध में नवीन ने गुरुवार को उप प्रधान मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ और वित्त मंत्री वर्षा मान पुन से अलग-अलग शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दोनों मंत्रियों को बताया कि नेपाल के प्रति भारत की नीति अपरिवर्तित बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल में राजनीतिक बदलावों को उनका ‘आंतरिक मामला’ मानता है।
नेपाल विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत बहादुर राय ने इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेपाल विदेश मंत्रालय में नारायण काजी श्रेष्ठ के साथ बैठक के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय और पारस्परिक हित के विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
भारत की ओर से यह आश्वासन तब आया है जब यह अटकलें लगाई जा रही थी कि नई दिल्ली नेपाली कांग्रेस के बीच गठबंधन के विघटन से खुश नहीं है। इससे पहले, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाली कांग्रेस के साथ पंद्रह साल पुरानी साझेदारी खत्म करने के मंत्रिमंडल में फेरबदल किया। प्रचंड ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पार्टी यूएमएल के साथ एक नया गठबंधन बनाया। जिसके बाद तीन मंत्रियों बीते सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।