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छत्तीसगढ़

शोध का आधार होता है लिटेरेचर रिव्यू : प्रो. पवनेश

इक्फाई विवि में शोध पर कार्यशाला जारी

रायपुर। आईसीएफएआई विवि, रायपुर में ‘कंटेम्पररी ट्रेंड्स एंड फंडामेंटल्स ऑफ साइंटिफिक रिसर्च विषय पर आयोजित किए जा रहे वन वीक वर्कशॉप को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी, बिहार के प्रो. पवनेश कुमार सिंह ने संबोधित किया। फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी के इस वर्कशॉप के तीसरे दिन बुधवार को प्रो. पवनेश ने बताया कि लिटरेचर रिव्यू किसी भी शोध कार्य का आधार होता है। यह शोध के प्रथम चरण का कार्य है। लिटरेचर रिव्यू के द्वारा शोध समस्या से संबंधित पूर्व कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। इसी पूर्व मूल्यांकन के आधार पर वर्तमान शोध को नई दिशा देने में मदद मिलती है।

अपने उद्बोधन के दौरान प्रो. पवनेश ने सिस्टेमिक लिटरेचर रिव्यू के महत्वपूर्ण सात चरणों को विस्तार से बताया। साथ ही शोध समस्या को व्यवहारिक और सैद्धांतिक पहलू में बांटकर विश्लेषित किया। प्रो. पवनेश ने अपने उद्बोधन में गुणवत्तापूर्ण पत्रिकाओं के लिए शोध पत्र लिखने और उसमें प्रकाशित करने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी। वर्कशॉप का संचालन डॉ. आर विजयालक्ष्मी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन को-कन्वेनर डॉ. जयंत इस्साक ने किया। कन्वेनर डॉ. संजय कुमार यादव ने बताया कि चौथे दिन के सत्र के रिसोर्स पर्सन मोंटेपिलर बिजनेस स्कूल, फ्रांस के डायरेक्टर प्रो. सिरिल आरएच फोरोपन होंगे। इस कार्यशाला में देश- विदेश के करीब दो सौ असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर ऑनलाइन भाग ले रहे हैं।

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