भविष्य को देखते हुए भारत सरकार IMF के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आइएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ से मुलाकात की। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि भारत आइएमएफ के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए और अधिक तरीके तलाशने को तैयार है। मुलाकात के दौरान गोपीनाथ ने राजकोषीय समेकन में नीतिगत निरंतरता के लिए वित्त मंत्री को बधाई भी दी। वित्त मंत्रालय ने एक एक्स पोस्ट में बताया, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत आइएमएफ के साथ अपने संबंधों और निरंतर सहभागिता को अत्यधिक महत्व देता है। भविष्य को देखते हुए भारत सरकार आइएमएफ के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए और अधिक तरीके तलाशने के लिए तैयार है।
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15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत सभी क्षेत्रों में बड़े सुधार कर रहा है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी पीएम के इस दावे का समर्थन किया है। आइएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत वर्ष 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दमदार विकास दर की बदौलत जल्द ही सबसे आगे निकल सकता है। गीता गोपीनाथ का कहना है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत की विकास दर उम्मीद से बेहतर रही है।
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इसका कारण सभी क्षेत्रों में बढ़ोतरी होना रहा है। खासतौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी खपत बढ़ी है। साथ ही, दोपहिया की बिक्री से लेकर एफएमसीजी क्षेत्र तक सभी का प्रदर्शन बेहतर रहा है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है। गीता गोपीनाथ ने कहा कि बेहतर मानसून के साथ उपज भी बेहतर होती है और कृषि आय बढ़ती है। इससे आगे भी खपत बढ़ने का सिलसिला जारी रह सकता है।
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सोसाइटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यू्फैक्चरर्स (सियाम) के ताजा डाटा के अनुसार, जुलाई में यात्री वाहनों, तिपहिया, दोपहिया और क्वाड्रिसाइकिल का कुल उत्पादन 24,37,138 यूनिट रहा है। दूसरी ओर, तमाम चुनौतियों के बावजूद एफएमसीजी बाजार लचीला बना हुआ है। रिसर्च फार्म कांतार के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान ग्रामीण बाजार में एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रह सकती है जो पिछले वित्त वर्ष में 4.4 प्रतिशत थी।