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Magh Gupt Navratri 2025 : गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना, जानें समापन नवरात्रि का पर्व

हिंदू धर्म में काफी विशेष स्थान रखता है. यह पर्व मां दुर्गा की पूजा और आराधना का समय माना जाता हैै, जिसमें भक्तों को अपनी आस्था को समर्पित करने का मौका मिलता है. नवरात्रि साल में चार बार होती है, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं. आज गुरुवार से माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ है, जो एक खास महत्व रखता है. यह नवरात्रि तंत्र-मंत्र की साधना और विशेष मानसिक शुद्धि के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है. आइए जानते हैं घट स्थापना का समय और इसका महत्व –

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माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ
माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से माघ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ होता है. इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी, 2025 को यानी आज से शुरू है. पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 30 जनवरी को शाम 4 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. लेकिन उदयातिथि के अनुसार, माघ गुप्त नवरात्रि का वास्तविक आरंभ 30 जनवरी, गुरुवार को है. यह नवरात्रि 9 दिन तक चलने वाली है और इसका समापन 7 फरवरी को होगा.

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कलश स्थापना मुहूर्त
माघ गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है और इस बार दो शुभ मुहूर्त इस काम के लिए तय किए गए हैं. पहला शुभ समय सुबह 9 बजकर 25 मिनट से लेकर 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक होगा. इन दोनों मुहूर्तों में कलश स्थापना करना विशेष रूप से फलदायक माना जाता है.

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माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व
माघ माह को विशेष रूप से स्नान और दान का महीना माना जाता है. इस महीने में गुप्त नवरात्रि का आयोजन तंत्र साधना, मंत्र सिद्धि, और मानसिक शुद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है. गुप्त नवरात्रि में साधक अपनी साधना को और अधिक गहरे स्तर पर पहुंचाने के लिए देवी काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला जैसी 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं. यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होती है, जो जीवन में किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रयासरत होते हैं.

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नवरात्रि का समापन
माघ गुप्त नवरात्रि 9 दिनों तक चलने वाली है, और इसका समापन 7 फरवरी, 2025 को माघ शुक्ल नवमी तिथि को होगा. इस दिन व्रती पारण करके नवरात्रि की पूजा का समापन करेंगे.

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इन 4 चीजों का करें दान, सुख-समृद्धि में होगी अपार वृद्धि

अनाज का दान
घर में अन्नपूर्णा का वास बनाए रखने और देवी को प्रसन्न करने के लिए गेहूं, चावल, जौ या अन्य अनाज का दान करें. इसे ब्राह्मण, गरीब, या जरूरतमंद व्यक्ति को देना शुभ माना जाता है. अन्न का दान करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

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वस्त्र और आभूषण
लाल, पीले या सफेद रंग के वस्त्र दान करें, जो देवी को प्रिय हैं. सौभाग्य और आर्थिक समृद्धि के लिए सोने या चांदी के छोटे आभूषण भी दान कर सकते हैं. यह देवी की कृपा पाने का उत्तम उपाय है.

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तिल और गुड़ का दान
माघ मास में तिल और गुड़ का विशेष महत्व है. काले तिल, तिल के लड्डू, या तिल और गुड़ से बनी मिठाई का दान करें. यह दान जीवन में शांति, सकारात्मकता और सुखद परिणाम लाता है.

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लाल चंदन और कुमकुम का दान
देवी की पूजा में उपयोग होने वाले लाल चंदन और कुमकुम दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और देवी की कृपा को बढ़ाता है.

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गौ सेवा और गोदान
गुप्त नवरात्रि के दौरान गाय की सेवा या गोदान करने का विशेष महत्व है. गोदान से संपूर्ण पापों का नाश होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. गौमाता की सेवा करने से देवी अन्नपूर्णा और लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है.

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दान के समय मंत्र जाप
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान दान करते समय “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” मंत्र का जाप करें. कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से दान का फल गई गुना अधिक बढ़ जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. प्रतिदिन राजधानी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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