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क्या आप जानते हैं रेलवे और मेट्रो ट्रैक की बनावट में इतना अंतर क्यों होता है?

नई दिल्ली। रेलवे ट्रैक पर पत्थर (बलास्ट) देखना आम बात है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मेट्रो ट्रैक पर ये पत्थर क्यों नहीं होते? यह सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है, क्योंकि दोनों ही ट्रैक ट्रेनों के लिए बने होते हैं, फिर भी उनकी संरचना में इतना अंतर क्यों होता है? इसका जवाब जानने के लिए हमें रेलवे और मेट्रो ट्रैक के कंस्ट्रक्शन और उनके काम करने के तरीके को समझना होगा। आइए जानते हैं।

रेलवे ट्रैक पर क्यों होते हैं पत्थर?

रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने के कई कारण होते हैं। आइए जानें।

  • भार वितरण: ट्रेन का वजन बहुत ज्यादा होता है, और अगर यह वजन सीधे धरती पर पड़े तो धरती धंस सकती है। पत्थर पटरियों के नीचे एक सतह बनाते हैं, जिससे ट्रेन का वजन समान रूप से वितरित हो जाता है और धरती पर दबाव कम पड़ता है।
  • स्थायित्व: पत्थर पटरियों को अपनी जगह पर स्थिर रखने में मदद करते हैं। जब ट्रेनें पटरियों पर चलती हैं, तो कंपन पैदा होता है। यह कंपन पटरियों को हिला सकता है, जिससे वे अपनी जगह से हट सकती हैं। पत्थर पटरियों को जकड़ कर रखते हैं, जिससे उनके हिलने की संभावना कम हो जाती है।
  • जल निकासी: पत्थर पटरियों के नीचे से पानी को निकलने में मदद करते हैं। अगर पानी पटरियों के नीचे जमा हो जाए, तो यह मिट्टी को नरम कर सकता है और पटरियों को अस्थिर कर सकता है। पत्थर पानी को बहने के लिए जगह बनाते हैं, जिससे पटरियों के आसपास का क्षेत्र सूखा रहता है।
  • खरपतवार नियंत्रण: पत्थर पटरियों के आसपास खरपतवारों को उगने से रोकते हैं। खरपतवार पटरियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ट्रेनों के संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। पत्थर खरपतवारों के उगने के लिए जगह नहीं छोड़ते हैं, जिससे पटरियां साफ रहती हैं।

मेट्रो ट्रैक पर क्यों नहीं होते हैं पत्थर?

  • कम वजन: मेट्रो ट्रेनें आमतौर पर रेलवे ट्रेनों की तुलना में हल्की होती हैं। इसलिए, मेट्रो ट्रैक पर उतना अधिक वजन नहीं होता है जितना कि रेलवे ट्रैक पर होता है। इस कारण से, मेट्रो ट्रैक पर पत्थरों की आवश्यकता कम होती है।
  • शहरी क्षेत्र: मेट्रो ट्रैक अक्सर शहरी क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जहाँ भूमि की उपलब्धता कम होती है। पत्थर बिछाने के लिए अतिरिक्त जगह की आवश्यकता होती है, जो शहरी क्षेत्रों में मुश्किल हो सकता है।
  • रखरखाव: मेट्रो ट्रैक को साफ और सुव्यवस्थित रखना आसान होता है। पत्थर बिछाने से ट्रैक पर मलबा और गंदगी जमा हो सकती है, जिससे ट्रैक को साफ करना मुश्किल हो सकता है।
  • निर्माण: मेट्रो ट्रैक का निर्माण आमतौर पर अधिक सटीक और उन्नत तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है। इस कारण से, मेट्रो ट्रैक रेलवे ट्रैक की तुलना में ज्यादा मजबूत और स्थिर होते हैं।

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