छत्तीसगढ़

इमार्निंग टेक्नोलॉजी पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ

आधुनिक टेक्नालॉजी से जुड़ रहा है छत्तीसगढ़: प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक

रायपुर: राजधानी के निजी होटल में इमर्जिंग टेक्नालाजी की जानकारी से अवगत कराने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। भारत सरकार की संस्था सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सी-डेक) द्वारा आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आई.टी. विभाग ने कहा कि छत्तीसगढ़ तेजी से आधुनिक टेक्नालॉजी से जुड़ रहा है। इस मौके पर उन्होंने राज्य में आई.टी. क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्रीमती निहारिका बारिक ने कहा कि तकनीक हर पल बदल रही है। ऐसे में शासन के समक्ष इन उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ कदम मिलाकर चलना एक चुनौती है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने इन चुनौतियों से पार पाने और उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ समन्वय करने के लिए राज्य में डिजिटल अधोसंरचना विकास, ई-सुशासन, साइबर सुरक्ष, डिजिटल साक्षरता, कौशल विकास और आईटी उद्योगों को प्रोत्साहन आदि अनेक प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित कर प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने चिप्स की स्थापना का उद्देश्य बताते हुए कहा कि राज्य में आई.टी. अधोसंरचना का विकास करना चिप्स का प्रमुख लक्ष्य है। चिप्स द्वारा इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्टेट डाटा सेंटर विकसित किया गया है। शासकीय संस्थाओं को आपस में सुरक्षित रूप से जोड़ने के लिए सी.जी.स्वान परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य के विभागों को उनकी आवश्यकता के अनुसार तकनीकी सहयोग भी चिप्स द्वारा प्रदान किया जाता है। साथ ही आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए निकट भविष्य में चिप्स द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा, ताकि उच्च स्तर पर निर्णयकर्ताओं के साथ-साथ राज्य के अधिकारयों और कर्मचारियों की क्षमता विकास किया जा सके।
सी-डेक की वरिष्ठ निदेशक डॉ. पद्मा जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार सी-डेक द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इमर्जिंग टेक्नालाजी, ब्लॉकचेन, आधार प्रमाणीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। डॉ. पद्मा जोशी ने कहा कि ऐसे कार्यशालाओं के आयोजन से आई. टी. क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। कार्यक्रम में आई.एस.बी.एम. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आनंद मलावार, सी-डेक मुंबई से सुश्री वीणा त्यागी, राजीव श्रीवास्तव, सुश्री निर्मला सलाम और चिप्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कुमार बिश्व रंजन भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

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