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राजधानी

SPECIAL REPORT: पर्यावरण, आरटीओ और खनिज विभाग कुंभकरणी नींद में

विभाग की कार्रवाई नहीं होने से खदान संचालकों की मनमानी चरम पर

सरकार को महीने में हो रहा करोड़ों का राजस्व नुकसान
यज्ञ सिंह ठाकुर
रायपुर। धनसुली पत्थर खदान में निरंतर अनियमितता जारी है। यहां खदान से अवैध उत्खनन के जरिए हर दिन काफी संख्या में उत्खनन कर खनिज अयस्क और अन्य आवश्यक मिनरल निकाला जा रहा है। इसका खुलासा पूर्व के अंक में प्रतिदिन राजधानी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों का ध्यानाकर्षन कराने के लिए प्रकाशित किया था। लेकिन स्थानीय सूत्रों की जानकारी में खदान से उत्खनन अब भी जारी है। इससे ग्रामीणों के जीवन पर खतरा बना हुआ है और पशु संपत्ति को भी काफी नुकसान हो रहा है। एैसे में यह सवाल है कि शासन कब और कार्रवाई करेगा। सरपंच की जानकारी के बाद भी खदान संचालक मिलीभगत कर उत्खनन को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन खनिज विभाग व पर्यावरण विभाग और आरटीओ विभाग की गाइड लाइन के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है। न हरियाली, न ही पौधे का कोई संरक्षण किया जा रहा है। परिणामस्वरूप सरकार को महीने का करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है। जांच हो रही है तो वह भी खानापूर्ति और कुछ नहीं। पढि़ए प्रतिदिन राजधानी का ग्राउंड रिपोर्ट..।
डस्ट और धूल की मोटी-मोटी परतें
पत्थर खदानों पर जहां मशीन से पत्थर तोड़ते समय पानी की डाला जाता है, लेकिन किसी भी खदान में इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे आसपास के गांवों और पेड़-पौधों, नल कुआ, तालाब, नदी में इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहा है। जहां पेड़ों पर धूल की मोटी-मोटी परतें जमी हुई है। धूल और डस्ट से वहां से गुजरना मुश्किल है।
बिना रायल्टी के वाहनों का परिवहन
एक ही रायल्टी पर्ची में कई ट्रकों का परिवहन किया जा रहा है। प्रतिदिन राजधानी ने जब पड़ताल किया तो यह बात सामने आई। वाहन की क्षमता के विपरीत लोडिंग किया जा रहा है। जिससे सड़क और हादसा को आमंत्रित दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले स्कूल के पास एक ट्रक ओवर लोड होने की वजह से अनियंत्रित होकर पलट गया, जबकि वहीं पर स्कूल के बच्चे खेल रहे थे।
15 फीट 20 फीट होल
खदान में होल करने के लिए 15-20 फीट तक मशीन से खुदाई हो रही है, जिससे क्षमता से अधिक विस्फोट होने की वजह से लोगों के घरों में बड़ी-बड़ी दरारे आ गई है। इससे ग्रामीणों बहुत ज्यादा रोष और चिंता में है। वे रात को दहशत में रहते हैं।
खदान की गहराई का अता-पता नहीं
धनसुली में लगभग 30 से 35 खदान संचालित हो रहा है। इस दौरान कई खदान बंद हो गया लेकिन उसे ऐसे ही खुले में छोड़ दिया गया है, जबकि एक दो बार मवेशी गिरकर मर भी गया है, फिर खुले में खदान को छोड़ दिया गया है। न सुरक्षा का कोई इंतजाम है, न फेसिंग तार लगाया है। जहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। रात के अधेरा में कोई बड़ा हादसा हो जाएगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
ओवर लोडिंग और रायल्टी चोरी
सड़क पर बड़े-बड़े हाइवे पर बिना रायल्टी के पत्थर का परिवहन किया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रकोंं पर ओवर लोडिंग किया जा रहा है। जांच चौकी है लेकिन वहां सिर्फ खानापूर्ति कार्रवाई हो रही है। यदि कार्रवाई होती तो बिना रायल्टी के ट्रक सड़क पर कैसे परिवहन करता है। विभाग की मिलीभगत के चलते कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जहां शासन को करोड़ो रुपए की क्षति हो रहा है।
मैं विभाग के स्टार्फ से पता लगता हूं उसके बाद ही कुछ कह पाउंगा, बिना जानकारी के अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। के.के. गोलहाटे, डिप्टी कमिश्नर, खनिज विभाग

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