नई दिल्ली । दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा फेज-IV की गोल्डन लाइन (मां आनंदमयी मार्ग) पर सबसे लंबी सुरंग बनाने का काम पूरा हो चुका है। डीएमआरसी ने 4 दिसंबर को फेज-IV में एक महत्वपूर्ण निर्माण उपलब्धि हासिल की, जिसके तहत फेज-IV के तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर पर तुगलकाबाद एयरफोर्स लॉन्चिंग शाफ्ट और मां आनंदमयी मार्ग के बीच सबसे लंबी भूमिगत सुरंग का काम पूरा किया गया।
डीएमआरसी के निदेशक (परियोजना) राजीव धनखड़ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दिल्ली मेट्रो की आनंदमयी मार्ग साइट पर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ‘अमृत’ का काम पूरा हुआ। बुधवार सुबह आनंदमयी मार्ग स्टेशन पर 2.65 किलोमीटर लंबी सुरंग खोदने के बाद एक टीबीएम ने सुरंग खुदाई का काम पूरा किया। एक विशाल 105 मीटर लंबी टीबीएम का उपयोग करके इस सुरंग के काम में सफलता हासिल की गई। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हिस्से के रूप में इस खंड पर ऊपर और नीचे आवाजाही के लिए दो समानांतर गोलाकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। जनवरी 2025 में दूसरी समानांतर सुरंग के काम में सफलता मिलने की उम्मीद है। इस सिविल पैकेज का कान्ट्रैक्टर मेसर्स एफकॉन्स है।
यह नई सुरंग लगभग 16 मीटर की औसत गहराई पर बनाई गई है। सुरंग में लगभग 1894 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। सुरंग निर्माण कार्य में कई तकनीकी चुनौतियां सामने आईं, जिसमें सीवर लाइन का बदलाव, कठोर चट्टानी परतों से होकर गुजरना आदि शामिल हैं। सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड की सिद्ध तकनीक का उपयोग करके किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग है।
आवश्यक सुरक्षा सावधानियों का भी रखा गया ख्याल
मौजूदा निर्मित भवनों के नीचे सुरंग के निर्माण के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गईं। आस-पास की भवनों पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों से ज़मीन की गतिविधियों पर नज़र रखी गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं भी कोई सेटलमेंट न हो। अब तक स्वीकृत फेज़-IV के कार्य के हिस्से के रूप में, 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में कुल 19.343 कि.मी. खंड भूमिगत है।
टीबीएम मशीन का उपयोग विभिन्न मिट्टी और चट्टानी परतों के माध्यम से एक गोलाकार क्रॉस-सेक्शन वाली सुरंगों की खुदाई करने के लिए किया जाता है। उन्हें कठोर चट्टान से लेकर रेत तक किसी भी चीज़ को छेदने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है। टीबीएम ने दुनिया भर में सुरंग बनाने के काम में क्रांति ला दी है, जिससे इमारतों और अन्य सतही संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सुरंग खोदी जा सकती है।
टीबीएम भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग बनाने के काम के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। डीएमआरसी फेज़-I से ही सुरंगें बनाने के काम के लिए टीबीएम का उपयोग कर रही है। फेज़-III में जब लगभग 50 कि.मी. भूमिगत खंडों का निर्माण किया गया था, तब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगभग 30 टीबीएम तैनात की गई थीx।