दूर से सड़कें क्यों दिखती हैं गीली, क्या होती है पीछे की वजह
नई दिल्ली। गर्मी के मौसम में तेज धूप होने पर कई बार सड़क पर देखने पर ऐसा लगता है कि कुछ दूरी पर पानी है। ऐसा ही कुछ रेगिस्तान में भी होता है, लेकिन यह असल में पानी नहीं होता है, बल्कि यह हमारा भ्रम होता है। सड़क या फिर रेगिस्तान में इस तरह से पानी दिखने के भ्रम को मृगमरीचिका कहा जाता है। हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि आखिर कार मृगमरीचिका के दिखने का कारण क्या होता है और ऐसा क्यों होता है।
मृगमरीचिका तब बनती है, जब रोशनी अलग-अलग तापमान वाली वायु की परतों के बीच से होकर जाती है। इस दौरान रोशनी की किरणों को हवा के जरिए मोड़कर परावर्तित कर दिया जाता है। कुल मिलाकर अगर सामान्य शब्दों में कहें तो यह जमीन के तापमान और इससे ऊपर के तापमान के अंचल की वजह से बनती है। जिसकी वजह से हमें गर्मी के मौसम के दौरान सड़क पर पानी लगा हुआ यानी मृगमरीचिका दिखाई देता है।
मृगमरीचिका अक्सर रेगिस्तान,सड़क और खेतों में देखने के लिए मिलता है। इसके अलावा कई बार आपको मैदानों में भी इसका भ्रम हो सकता है। इटली में फाटा मोर्गन नाम की मृगमरीचिका बहुत मशहूर है। यह शब्द राजस्थान से आया है। वहां पर काफी रेगिस्तान हैं तो ऐसे में जब रेगिस्तान की गर्मी में हिरण को प्यास लगती है, तो सूर्य की रोशनी को चलते हिरण को चमकीला रेत पानी की तरह दिखाई देता है। जब वह उसके पास जाता है और पानी नहीं मिलता है और इस तरह से ही चलता जाता है। वहीं, हिरण को संस्कृत में मृग कहा जाता है और भ्रम को मरीचिका कहा जाता है। इस तरह से इसका नाम मृगमरीचिका पड़ा।