संसद की सुरक्षा में कैसे हुई इतनी बड़ी चूक, ऐक्शन में सरकार; जांच कमेटी का किया ऐलान…
संसद की सुरक्षा में चूक मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार रात बड़ा ऐक्शन लिया है।
लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना की जांच सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में कराने का आदेश दिया है।
यह जानकारी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी। अधिकारी ने बताया कि जांच कमेटी में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल रहेंगे।
कमेटी सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करेगी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जांच कमेटी संसद की सुरक्षा में चूक के कारणों की पहचान करेगी, जल्द-से-जल्द सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दें कि साल 2001 के घातक संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन में, दो लोग बुधवार को दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए, नारे लगाए और कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा, जिससे सदन में दहशत और अराजकता फैल गई।
लगभग उसी समय, एक महिला सहित दो अन्य लोगों ने नारे लगाए और संसद परिसर के बाहर कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा, जिससे पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद हड़कंप मच गया और मामले की जांच की जा रही है।
छह में से पांच आरोपी पकड़े गए
सेंधमारी की घटना में शामिल छह में से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार अच्छी तरह से समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साज़िश के जरिए छह आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया।
ये पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस को संदेह है कि उनके दो और साथी ललित और विशाल भी हैं। सूत्रों ने बताया कि विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के दलों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है।
‘विचारधारा एक थी और इसलिए…’
पुलिस सूत्रों ने कहा कि छह लोगों ने साज़िश रचकर और अच्छी तरह से किए गए समन्वय के जरिए घटना को अंजाम दिया और ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया मंचों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे, जहां उन्होंने साज़िश रची थी।
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले साज़िश रची थी और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने टोह भी ली थी। सूत्र ने कहा, “उनमें से पांच लोग संसद में आने से पहले गुरुग्राम में विशाल के आवास पर रुके थे।
साज़िश के अनुसार, सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला।” अमोल शिंदे से पूछताछ में पता चला कि छह आरोपी एक-दूसरे को पिछले चार साल से सोशल मीडिया के जरिए जानते थे।
पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ”उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन्हें किसी व्यक्ति या किसी संगठन ने निर्देश दिया था।”