छत्तीसगढ़

रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की रोकथाम के लिए ट्रैक के आसपास के निवासियों को दी जा रही समझाइश

रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की रोकथाम के लिए ट्रैक के आसपास के निवासियों को दी जा रही समझाइश

बिलासपुर/रायपुर। रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की उपस्थिति वर्तमान में एक गंभीर समस्या है । यह समस्या दूसरे मौषम की अपेक्षा बारिश के दिनों ज्यादा देखने को मिलती है । इसका एक मुख्य कारण इस मौषम में हरी-हरी घास है, जिसके लालच में मवेशी रेलवे ट्रैक के आसपास पहुँच जाते है । यह न केवल मवेशियों के लिए खतरनाक है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है ।
रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के आ जाने और दुर्घटनाग्रस्त होने से मवेशी की जान जाती है और मवेशी मालिक को आर्थिक नुकसान होता है । मवेशी से टकराने के फलस्वरूप रेल के इंजनो में भी टूट-फूट होती है और इंजन फेल्योर के सर्वाधिक मामले भी इसी वजह से दर्ज की जाती है । इसके अतिरिक्त इस प्रकार की घटनाओं से ट्रेनों की समयबद्धता सर्वाधिक प्रभावित होती है, ट्रेनें बेवजह लेट हो जाती है ।
रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की रोकथाम के लिए रेल प्रशासन द्वारा समय-समय जागरूकता अभियान चलाया जाता है । इसके तहत रेलवे ट्रैक के आसपास के निवासियों एवं गांवो में मवेशियों के मालिकों को इससे होने वाले नुकसानों और कानूनों की समझाइश दी जाती है । इस विषय पर रेल प्रशासन ट्रेनों के यात्रियों के बीच भी जागरूकता अभियान चलाती है, जिसमें यात्रियों को समझाइश दी जाती है कि खाने-पीने की वस्तुएं, फलों के छिलके आदि ट्रैक पर ना फेकें डस्टबीन में ही डालें, क्यूकि इन वस्तुओं से ना सिर्फ आसपास गंदगी फैलती है बल्कि इनको खाने के लालच में पशु, मवेशी रेल ट्रैक पर आकर दुर्घटना के शिकार हो सकते है ।
इस तरह के मामले मे रेलवे अधिनियम 1989 की धाराएँ 153 और 154 के तहत जुर्माना या कारावास या दोनों का प्रावधान है तथा इस प्रकार के मामले की पुनरावृति होने पर दोषी के खिलाफ अधिकाधिक अर्थदंड एवं कठोर कार्यवाही हो सकती है ।

Join Us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
धैर्य रखें, मुनाफा बढ़ाएं: लॉन्ग टर्म के लिए बेहतरीन स्टॉक्स दमदार स्टाइल, जबरदस्त स्पीड – यही है नया Lava Bold 5G! सिक्किम का छुपा खजाना: ‘उत्तरे’ जहाँ सुकून मिलता है इन त्योहार बनाये धनिया पंजीरी का प्रसाद, सेहत और आस्था का संगम