Join us?

छत्तीसगढ़
Trending

जिला हॉस्पिटल में स्थापित डायलिसिस सेंटर मरीजों के लिए वरदान

अब तक 26 सौ से अधिक डायलिसिस सेशन से मरीज हुए लाभांवित, 38 एक्टिव मरीजों का हो रहा है नियमित डायलिसिस

बलौदाबाजार । जिला हॉस्पिटल बलौदाबाजार में 2 वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विभाग एवं डीएमएफ के सहयोग से    अत्याधुनिक डायलिसिस सेंटर की स्थापना की गई है। जिसके अब सकारात्मक परिणाम जिले के किडनी मरीजों को मिल रहा है। जिले के दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों का डायलिसिस के लिए यहां आना होता है ऐसे में उन्हें इसका पूरा लाभ मिल रहा है। दिसम्बर 2023 से लेकर अगस्त 2024 तक प्रति दिवस तीन डायलिसिस सेशन प्रति मशीन के अनुसार अब तक 2688 सेशन किये गए हैं।

ये खबर भी पढ़ें : मुख्यमंत्री साय ने तीजा पर दी बड़ी सौगात, 70 लाख महिलाओं को मिली महतारी वंदन योजना की सातवीं किस्त

इस संबंध में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया की प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम अंतर्गत निःशुल्क डायलिसिस सुविधा दी जा रही है। अस्पताल में इस समय डायलिसिस हेतु चार मशीनें लगाई गई हैं। जिला चिकित्सालय में लगी हुई मशीनों द्वारा लगभग 4 घंटे में डायलिसिस पूरी होती है। स्थिति के अनुसार मरीज को माह में आठ से बारह बार तक डायलिसिस करवाना पड़ सकता है। वर्तमान में डायलिसिस यूनिट में 38 एक्टिव पंजीकृत मरीज हैं जो नियमित रूप से डायलिसिस करवाने आते हैं। उक्त चार मशीनों में एक मशीन हेपेटाइटिस सी के मरीजों के लिए कार्य कर रही है।

ये खबर भी पढ़ें : Foods to Lower Cholesterol: इन चीजों को खाने से घटेगा कोलेस्ट्रॉल

डायलिसिस का लाभ ले रहे कसडोल नगर निवासी 67 वर्षीय पूरण लाल साहू के साथ आएं भतीजे देवेंद्र ने बताया की पहले डायलिस  के लिए चाचा जी को रायपुर ले जाना पड़ता था जो काफी खर्चीला और परेशानी भरा होता था अब घर के समीप ही सुविधा मिल जाती है। उन्हें हफ्ते में तीन बार  लाता हूं। इसी तरह ग्राम चरौदा के 56 वर्षीय दिलीप बघेल ने बताया की लगभग 10 माह पूर्व रायपुर में जाँच के बाद डायलिसिस की सलाह दी गई थी। कुछ समय वहां रह के कराए,बाद में बलौदाबाजार के ही एक निजी अस्पताल गए जहां काफी पैसा लगता था,उसके बाद जिला अस्पताल से लाभ ले रहे हैं।

ये खबर भी पढ़ें : न्यूट्रीफेस्ट प्राेग्राम का जबलपुर में हुआ भव्य आयाेजन, विजेताओं को मिले आकर्षक इनाम

डायलिसिस कराने वाले मरीज के परिजनों ने बताया की अस्पताल में यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है तथा अब हमें डायलिसिस के लिए दूर शहर रायपुर अथवा  बिलासपुर में नहीं जाना पड़ता जिसके कारण हमें हर प्रकार से सहूलियत होती है।आने-जाने का खर्च तो बचता ही है साथ में बीमारी की स्थिति में सफर के थकान से भी बचाव होता है। वर्तमान में डायलिसिस यूनिट हेतु दो टेक्नीशियन एवं एक हाउस कीपिंग स्टाफ को रखा गया है जो निरंतर अपनी सेवा दे रहे हैं। इस यूनिट में डायलिसिस के साथ-साथ मरीज को विशेष प्रकार के खानपान के संबंध में भी शिक्षित किया जाता है।

ये खबर भी पढ़ें : ग्रीन टी में दालचीनी और घी मिलाकर पीने के  फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

सिविल सर्जन डॉ के के टेम्भूरने ने बताया की डायलिसिस गुर्दे अथवा किडनी की बीमारी से ग्रसित मरीज के लिए वह विधि है जिसमें जब गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं या फिर उनकी क्षमता कम हो जाती है तब कृत्रिम तरीके से शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को इस विधि के माध्यम से शरीर से बाहर निकाला जाता है। यह तब तक करना पड़ता है जब तक व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाता या फिर नई किडनी प्रत्यारोपित नहीं की जाती। यदि अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर ना निकाला जाए तो शरीर में विष फैल सकता है तथा व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। सीएमएचओ ने जिले के निवासियों से आवश्यकता पड़ने पर इस सुविधा का लाभ लेने हेतु अपील की है।

ये खबर भी पढ़ें : इंदौर में बनी दवाइयाँ 20 देशों तक होती हैं निर्यात

DIwali Offer

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button