श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जिंदगी न मिलेगी दोबारा का आयोजन
रायपुर: स्थानीय श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर जागरूकता अभियान चलाया गया।विधार्थियों के बीच इस आयोजन में शिक्षकों ने अपने विचार सांझा किए तथा अनमोल जीवन के महत्व को बताया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए के झा ने विधार्थियों को अपनी किसी भी प्रकार की परेशानी को अपने शिक्षकों,मित्रों तथा परिवार के सदस्यों से सांझा कर हल निकालने का प्रयास करना चाहिए।व्यर्थ का तनाव सहने की बजाय हिम्मत और आत्मबल से प्रयास करे तो सफलता मिलेगी ही।
विश्वविद्यालय के डायरेक्टर विकास डॉ सुशील चंद्र तिवारी ने कहा कि आजकल पढ़ाई के तनाव को लेकर हो रही आत्महत्याएं दुखद हैं।जिंदगी में एक दूसरे के जैसा होना आवश्यक नही है बल्कि एक दूसरे के लिए होना आवश्यक है।लेकिन इस बात को नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है।और जीवन जैसी अमूल्य धरोहर को ही दांव पर लगा देते हैं। उन्होंने बताया की सर्वाधिक आत्महत्याएं पारिवारिक कारणों से होती हैं।आत्महत्याओं के प्रमुख कारणों में पारिवारिक कलह,बीमारी,आर्थिक स्थिति, प्रेम प्रसंग,बेरोजगारी,परीक्षा में असफलता शामिल है।इसके कारण व्यक्ति निराशा,अवसाद,तनाव से घिर जाता है और अवांछित कदम उठा लेता है।प्रत्येक आत्महत्या की घटना दुखदाई होती है जिसका प्रभाव आसपास पर पड़ता है।जागरूकता बढ़ा कर और अपने निकटतम लोगों से बात करके हम इन घटनाओं को रोक सकते हैं।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ प्राची निमजे ने जानकारी दी की प्रतिवर्ष 10 सितंबर को आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है जो दुनिया भर में आत्महत्या को रोकने के लिए विश्वव्यापी प्रतिबद्धता और सक्रियता का अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संजीव कुमार ने कहा कि आत्महत्या रोकने के लिए समाज के विभिन्न क्षेत्रों के बीच समन्वित और सहयोगात्मक प्रयासों की जरूरत है।बढ़ते सायबर अपराध और गेमिंग के कारण भी इस तरह की घटनाएं बढ़ रहीं है।वाणिज्य संकाय की संकायाध्यक्ष डॉ संजू सिंह ने कहा कि किशोर अवस्था से ही बच्चों में सामाजिक और भावनात्मक जीवन जीने के कौशल का संचार किया जाए साथ ही असामान्य व्यवहार करने वाले को पहचान कर समझाया जाए तो ये घटनाएं रोकी जा सकती हैं।कार्यक्रम में डॉ विमल कुमार, डॉ चेतना ने भी सहभागिता दी।इस अवसर पर प्राध्यापक,छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।