नेपाल सुप्रीम कोर्ट का सरकारी रिकार्ड से जनयुद्ध शब्द हटाने का आदेश
काठमांडू। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने जनयुद्ध शब्द को असंवैधानिक करार देते हुए सरकारी अभिलेखों और दस्तावेजों से इसे हटाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह अहम फैसला गुरुवार को सुनाया।
नेपाल में माओवादी अपने 10 वर्ष के सशस्त्र द्वंद्व काल को जनयुद्ध कहते हैं। इन्होंने सत्ता में रहते हुए बजट सहित अन्य सरकारी कामकाज में इस शब्द का इस्तेमाल है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत की अध्यक्षता वाली सात जजों की संवैधानिक बेंच ने फैसले में जनयुद्ध शब्द को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही अब तक जितने भी सरकारी अभिलेख और दस्तावेजों में इस शब्द का इस्तेमाल किया गया है उसे रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया।
संवैधानिक बेंच ने फैसले में कहा कि नेपाल का संविधान जनयुद्ध शब्द को अंगीकार नहीं करता है। इसलिए सरकारी बजट भाषण या अन्य दस्तावेज में इस शब्द के इस्तेमाल को मान्यता नहीं दी सकती है। जनयुद्ध शब्द का इस्तेमाल नेपाल की संविधान के प्रस्तावना के विपरीत है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले माओवादियों की सरकार के जनयुद्ध दिवस पर घोषित किए गए सार्वजनिक अवकाश पर रोक लगा चुका है।