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19 साल की शिक्षिका की मौत से भड़का आक्रोश: हरियाणा सरकार ने दो जिलों में बंद किया इंटरनेट

भिवानी में प्ले-स्कूल टीचर की मौत: क्या है पूरा मामला? जनता में रोष, सरकार ने बंद की इंटरनेट सेवाएँ!-हरियाणा के भिवानी और चरखी दादरी जिले इन दिनों एक दुखद घटना से गमगीन हैं। एक 19 साल की प्ले-स्कूल टीचर, मनीषा, की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। मनीषा 11 अगस्त को स्कूल से घर के लिए निकली थी, लेकिन फिर वापस नहीं आई। दो दिन बाद, 13 अगस्त को, उसका शव एक खेत में मिला। इस भयानक खबर से लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और जगह-जगह सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए। हालात को काबू में रखने के लिए, हरियाणा सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस और डोंगल सेवाओं को बंद करने का आदेश दे दिया। अच्छी बात यह है कि लोगों की आवाजाही और फोन पर बात करने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि माहौल शांत रहे और कोई गलत खबर या अफवाह न फैले।

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 इंटरनेट बंद करने के पीछे सरकार की क्या है वजह?-सरकार ने अपने आदेश में साफ-साफ बताया है कि इंटरनेट का इस्तेमाल आजकल गलत काम के लिए बहुत हो रहा है। लोग सोशल मीडिया, जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर भड़काऊ बातें फैलाकर दूसरों को भड़का सकते हैं। ऐसे में, इंटरनेट बंद करना इसलिए ज़रूरी हो गया ताकि कोई भी गलत या झूठी खबर न फैले और लोग किसी भी तरह की हिंसा या गड़बड़ी में न पड़ें। सरकार की यह भी ज़िम्मेदारी है कि वो लोगों की संपत्ति को सुरक्षित रखे। इसलिए, यह फैसला लिया गया कि 19 अगस्त की सुबह 11 बजे से लेकर 21 अगस्त की सुबह 11 बजे तक इंटरनेट सेवाएँ बंद रहेंगी। इसका मकसद यही था कि सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से हो सके और कोई भी गलत जानकारी आग लगाने का काम न करे।

जांच में नया मोड़: क्या यह ‘आत्महत्या’ थी या ‘हत्या’?-मनीषा की मौत के मामले में सोमवार को एक बड़ा नया मोड़ आया। पुलिस को मनीषा के शव के पास से एक कथित ‘सुसाइड नोट’ मिला है। भिवानी के पुलिस अधीक्षक, सुमित कुमार, ने बताया कि एक बैग मिला था जिसमें मनीषा का आधार कार्ड और कुछ दूसरे ज़रूरी कागजात थे, और उसी बैग में यह सुसाइड नोट भी था। जांच में यह भी पता चला है कि मनीषा ने खुद ही कीटनाशक खरीदा था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके शरीर में ज़हर मिलने की पुष्टि हुई है। पुलिस को अब तक मिले सबूतों के आधार पर यह लग रहा है कि यह मामला आत्महत्या का है। लेकिन, मनीषा का परिवार इस बात को मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। उनका पक्का यकीन है कि उनकी बेटी की हत्या हुई है और वे इसे आत्महत्या मानने से साफ इनकार कर रहे हैं।

 परिवार और विपक्ष का गंभीर आरोप: हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश?-मनीषा के परिवार वालों का कहना है कि उनकी बेटी ऐसी लड़की नहीं थी कि वो खुद अपनी जान दे दे। उनका मानना है कि यह एक सोची-समझी साज़िश के तहत की गई हत्या है। उनका सीधा आरोप है कि पुलिस और प्रशासन मिलकर इस मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले पर विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। कांग्रेस के बड़े नेता, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोलती है। उनका कहना है कि राज्य सरकार और पुलिस दोनों ही इस मामले में बहुत लापरवाही और गैर-ज़िम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि सरकार इस मामले को दबाने और लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए इसे आत्महत्या का नाम दे रही है।

आखिर सच क्या है? लोगों के मन में उठ रहे हैं कई सवाल-मनीषा की मौत ने हरियाणा के लोगों के मन में कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ पुलिस के पास ऐसे सबूत हैं जो यह बताते हैं कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है, वहीं दूसरी तरफ परिवार और आम जनता का मानना है कि यह एक हत्या है। सरकार द्वारा इंटरनेट बंद करने जैसे कदम यह दिखाते हैं कि प्रशासन हालात को संभालने की पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन लोगों का गुस्सा और शक अभी भी कम नहीं हुआ है। इस पूरे मामले में असलियत क्या है, यह तो आने वाली जांच से ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल, मनीषा की मौत पूरे राज्य के लिए एक बहुत ही संवेदनशील और चिंताजनक मुद्दा बन गई है।

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