
मोदी ने दिखाई Maruti की पहली इलेक्ट्रिक कार e-Vitara को हरी झंडी, 100 से ज्यादा देशों में होगी एक्सपोर्ट
गुजरात से गूंजी इलेक्ट्रिक क्रांति: Maruti की पहली EV e-Vitara का धमाकेदार लॉन्च! प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाई हरी झंडी, भारत बनेगा EV का ग्लोबल हब!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मारुति की e-Vitara: भारत की सड़कों पर EV का नया सवेरा-गुजरात के हंसलपुर प्लांट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार, e-Vitara को लॉन्च करके ऑटोमोबाइल जगत में एक नए युग की शुरुआत की है। यह कदम न केवल ‘मेक इन इंडिया’ पहल को एक बड़ी मजबूती देता है, बल्कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी साबित होगा। मारुति सुजुकी ने इस कार को बड़े पैमाने पर तैयार किया है, जिसका मुख्य फोकस निर्यात पर है।
दुनिया देखेगी भारत की EV का दम: 100 से ज़्यादा देशों में निर्यात की तैयारी-मारुति की यह बहुप्रतीक्षित e-Vitara सिर्फ भारतीय बाजार तक ही सीमित नहीं रहेगी। कंपनी की योजना है कि इस इलेक्ट्रिक कार को जापान सहित दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाए। यह भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात भारत के विनिर्माण कौशल और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। इससे वैश्विक ऑटोमोटिव मानचित्र पर भारत की स्थिति और भी मजबूत होगी।
बैटरी निर्माण में आत्मनिर्भरता: EV क्रांति को मिला नया संबल-इस ऐतिहासिक लॉन्च के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने सुजुकी, तोशिबा और डेंसो के संयुक्त उद्यम से स्थापित लिथियम-आयन बैटरी निर्माण इकाई का भी उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक प्लांट हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक बैटरियों का उत्पादन यहीं भारत में करेगा। इस स्वदेशी उत्पादन क्षमता से देश में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी और आयात पर हमारी निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी, जो एक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत बनेगा EV का ग्लोबल पावरहाउस: सरकार की दूरगामी योजना-केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस नई EV के लॉन्च तथा उन्नत बैटरी प्लांट की स्थापना इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में दुनिया भर के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का एक प्रमुख केंद्र बनना है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की पूर्ति से न केवल लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि तकनीकी नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा और सबसे महत्वपूर्ण, हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी।

