
टाटा कैपिटल का IPO: शेयर बाज़ार में धमाका करने को तैयार!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!टाटा ग्रुप फिर से कर रहा बड़ा धमाका!-टाटा ग्रुप की जानी-मानी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी, टाटा कैपिटल, अब अपने बड़े आईपीओ के साथ शेयर बाज़ार में कदम रखने वाली है। लगभग 2 बिलियन डॉलर यानी ₹17,200 करोड़ का यह आईपीओ बाज़ार में हलचल मचाने को तैयार है। सूत्रों के अनुसार, यह आईपीओ 22 सितंबर के आसपास खुल सकता है और 30 सितंबर तक लिस्टिंग की उम्मीद है। यह टाटा ग्रुप के लिए एक और बड़ी उपलब्धि होगी, जो निवेशकों को आकर्षित करने की पूरी तैयारी में है।
इतिहास रचने की ओर टाटा कैपिटल का IPO-इस आईपीओ के ज़रिए टाटा कैपिटल का वैल्यूएशन करीब 11 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। कंपनी ने अपने अपडेटेड DRHP में बताया है कि इस इश्यू में कुल 47.58 करोड़ शेयर शामिल होंगे। इनमें से 21 करोड़ शेयर नए जारी किए जाएंगे, जबकि 26.58 करोड़ शेयर मौजूदा शेयरधारकों, जैसे टाटा संस (23 करोड़ शेयर) और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) (3.58 करोड़ शेयर) द्वारा बेचे जाएंगे। यह कदम कंपनी के विस्तार और बाज़ार में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।
यह IPO इतना खास क्यों है?-इस आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल टाटा कैपिटल अपने टियर-1 कैपिटल बेस को मज़बूत करने और भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए करेगी। अगर यह सफल रहा, तो यह भारतीय फाइनेंशियल सेक्टर का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू बन सकता है। यह टाटा ग्रुप के लिए एक और बड़ी लिस्टिंग होगी, ठीक वैसे ही जैसे नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज ने शानदार प्रदर्शन किया था और निवेशकों को मालामाल कर दिया था।
RBI के नियमों का पालन, भविष्य की ओर एक कदम-भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2022 में टाटा कैपिटल को ‘अपर-लेयर NBFC’ का दर्जा दिया था। इसके तहत, ऐसी कंपनियों को तीन साल के भीतर स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना अनिवार्य है। इसी नियम का पालन करते हुए यह आईपीओ लाया जा रहा है। यही वजह है कि निवेशकों में इसे लेकर काफी उत्साह है, क्योंकि यह कंपनी के भविष्य के विकास और स्थिरता का एक बड़ा संकेत है।
पिछले IPOs से सीख, आगे बढ़ने की तैयारी-टाटा कैपिटल से पहले, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने जून 2024 में 12,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया था। वहीं, बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने सितंबर 2024 में ज़बरदस्त डेब्यू किया और पहले ही दिन अपने इश्यू प्राइस पर 135% का भारी प्रीमियम दिया। इन सफलताओं से यह साफ है कि NBFC सेक्टर में निवेशकों का भरोसा काफी मजबूत है, और उम्मीद है कि टाटा कैपिटल का आईपीओ भी इसी तरह का शानदार प्रदर्शन करेगा।
मज़बूत प्रदर्शन से बढ़ा निवेशकों का भरोसा-बाज़ार के जानकारों का मानना है कि टाटा कैपिटल की सबसे बड़ी खूबी है इसका विविध लोन पोर्टफोलियो, स्थिर एसेट क्वालिटी और अनुभवी मैनेजमेंट टीम। मार्च 2025 तक, कंपनी का ग्रॉस लोन ₹2.26 लाख करोड़ को पार कर चुका था, जो FY23 से FY25 के बीच 37% की सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। वहीं, FY25 में कंपनी ने ₹3,646.6 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया, जो FY23 की तुलना में 10% की सालाना ग्रोथ दर्शाता है।
कर्ज़ बढ़ा, पर खराब कर्ज़ पर भी लगाम-तेज़ी से ग्रोथ के बावजूद, टाटा कैपिटल ने अपनी एसेट क्वालिटी को बहुत अच्छे से संभाला है। FY25 के अंत तक, कंपनी का ग्रॉस NPA सिर्फ 1.9% और नेट NPA 0.8% रहा। साथ ही, प्रोविज़न कवरेज रेशियो 58.5% पर बना रहा। इसका मतलब है कि कंपनी जोखिमों को लेकर काफी सतर्क है और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो निवेशकों के विश्वास को और भी पक्का करता है।
लाभप्रदता और भविष्य की सुनहरी संभावनाएं-FY25 में कंपनी का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 5.2% रहा, जो इसके विभिन्न लोन उत्पादों में अच्छी कमाई का संकेत देता है। यह सकारात्मक रुझान FY26 की पहली तिमाही में भी जारी रहा, जब टाटा कैपिटल ने ₹1,041 करोड़ का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी अवधि से दोगुना था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी बढ़कर ₹7,692 करोड़ हो गई।
सिर्फ लोन नहीं, कई सेवाओं में महारत-टाटा कैपिटल ने 2007 से अब तक 70 लाख से ज़्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएँ दी हैं। कंपनी सिर्फ लोन देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह इंश्योरेंस, क्रेडिट कार्ड, वेल्थ मैनेजमेंट और प्राइवेट इक्विटी फंड मैनेजमेंट जैसे कई अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय है। इस तरह के विविधीकरण (diversification) से कंपनी का बिजनेस मॉडल और भी मज़बूत बनता है और यह निवेशकों के लिए भरोसे का एक बड़ा कारण है।

