
युवराज सिंह का खुलासा: अगर गोल्फ खेलता तो 3000 रन और बना लेता, गिल- अभिषेक को भी दी सलाह
युवराज का गोल्फ वाला फंडा: क्रिकेट में 3000 रन और जोड़ सकता था!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!क्रिकेट के मैदान पर युवराज का गोल्फ प्रेम-हमारे युवराज सिंह, वो खिलाड़ी जिसने टीम इंडिया को दो-दो वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई, उन्होंने हाल ही में एक ऐसी बात कही है जिसे सुनकर सब हैरान हैं। युवराज का कहना है कि अगर वो अपने क्रिकेट करियर में थोड़ा जल्दी गोल्फ खेलना शुरू कर देते, तो सोचिए, वो मैदान पर 3000 रन और बना सकते थे! ये बात उन्होंने इंडियन गोल्फ प्रीमियर लीग (IGPL) के लॉन्च के मौके पर कही। उनका मानना है कि गोल्फ सिर्फ दिमाग को शांत ही नहीं रखता, बल्कि खेल में प्रदर्शन को भी बेहतर बनाता है। क्रिकेट में तो एक गलती का मतलब खेल खत्म, लेकिन गोल्फ में एक खराब शॉट के बाद भी वापसी का मौका मिलता है। ये जो मानसिक मजबूती गोल्फ देता है, वही क्रिकेटर को भी नई जान फूँक देता है। युवराज ने इसे अपने अनुभव से जोड़ा, कि जब खिलाड़ी बीच-बीच में ऐसे दूसरे खेल खेलते हैं, तो दिमाग एकदम फ्रेश हो जाता है और फिर मैदान पर जाकर वो और भी कमाल का खेल दिखाते हैं।
कपिल पाजी से मिली प्रेरणा, युवराज का अपना तजुर्बा-वैसे, ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी बड़े खिलाड़ी ने ऐसा कहा हो। हमारे महान कप्तान कपिल देव भी अपने करियर के दौरान गोल्फ खेलने को लेकर यही बात कह चुके हैं कि अगर वो गोल्फ खेलते तो क्रिकेट में 2000 रन और बना लेते। युवराज ने कपिल पाजी की इस बात पर हामी भरते हुए कहा कि कपिल पाजी ने तो 2000 रन की बात की, पर वो खुद 3000 रन और बना सकते थे! युवराज ने बड़े प्यार से समझाया कि क्रिकेट और गोल्फ में बहुत फर्क है। क्रिकेट में जब आप आउट हो जाते हैं, तो बस बैठे-बैठे सोचते रहते हैं और टेंशन बढ़ती जाती है। लेकिन अगर वही खिलाड़ी अपने खाली वक्त में गोल्फ खेले, तो उसका मन हल्का हो जाता है और अगले मैच में वो बिल्कुल नई एनर्जी के साथ उतरता है। युवराज का मानना है कि ये सोच भारतीय क्रिकेटरों में भी आनी चाहिए कि हर वक्त सिर्फ प्रैक्टिस ही सब कुछ नहीं है। कभी-कभी थोड़ा आराम करना और दूसरे खेल खेलना भी प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
गिल और अभिषेक के लिए खास सलाह: गोल्फ ट्राई करो!-युवराज सिंह ने तो अपने ‘स्टूडेंट्स’ कहे जाने वाले शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा को भी गोल्फ खेलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अब ये दोनों बड़े खिलाड़ी बन गए हैं और इन्हें खुद सोचना है कि क्या इनके खेल के लिए फायदेमंद होगा। लेकिन युवराज हमेशा इन्हें गोल्फ जैसे खेल आज़माने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। युवराज को लगता है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान खिलाड़ियों के पास जब थोड़ा खाली समय होता है, तब वो गोल्फ खेल सकते हैं और अपने दिमाग को हल्का कर सकते हैं। उनका कहना है कि लगातार क्रिकेट खेलने से मानसिक और शारीरिक थकान होना तो लाज़मी है। ऐसे में गोल्फ उन्हें आराम देने और दिमाग को एकदम ताज़ा करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। युवराज का पक्का मानना है कि इस खेल से उनकी सोच को एक नई दिशा मिलेगी और मैदान पर उनके खेल में भी इसका असर दिखेगा।
विदेशी खिलाड़ियों की आदत, भारतीय खिलाड़ियों के लिए सबक-युवराज सिंह ने आगे यह भी बताया कि विदेशों में, खासकर ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड जैसे देशों के क्रिकेटर काफी लंबे समय से गोल्फ खेल रहे हैं। वहां के कई बड़े खिलाड़ी टूर पर रहते हुए भी ज्यादा समय प्रैक्टिस में नहीं बिताते, बल्कि गोल्फ खेलकर अपने दिमाग को शांत रखते हैं। उनका मानना है कि सिर्फ 2-3 दिन की प्रैक्टिस से बड़ा बदलाव नहीं आता, लेकिन गोल्फ जैसा खेल मानसिक तौर पर बहुत मज़बूत बनाता है। यही वजह है कि वहां के खिलाड़ी लंबे समय तक फिट रहते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं। युवराज की यही ख्वाहिश है कि भारतीय खिलाड़ी भी इस सोच को अपनाएं और सिर्फ क्रिकेट पर ही ध्यान केंद्रित करने के बजाय, आराम करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए गोल्फ जैसे खेलों को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उनका कहना है कि चाहे क्रिकेट हो या कोई भी खेल, गोल्फ हर खिलाड़ी को उसकी असली क्षमता तक पहुँचने में मदद करता है।

