
NDA उम्मीदवार C P राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति, विपक्ष को मिली बड़ी हार
एनडीए की बंपर जीत! सी. पी. राधाकृष्णन बने देश के नए उपराष्ट्रपति
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!NDA की शानदार जीत, सी. पी. राधाकृष्णन ने मारी बाजी!-अरे वाह! मंगलवार को जो उपराष्ट्रपति चुनाव हुए, उसमें तो एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन ने कमाल ही कर दिया। उन्होंने इतनी बड़ी जीत हासिल की कि पूछो मत! उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी बेचारे 300 वोट पर ही सिमट गए। रिटर्निंग ऑफिसर पी. सी. मोदी ने जब नतीजों का ऐलान किया तो पता चला कि कुल 767 सांसदों ने वोट डाला, मतलब करीब 98.2% लोग वोट देने पहुंचे। इसमें से 752 वोट बिल्कुल सही पाए गए और 15 वोट गड़बड़ निकले।सबसे मजेदार बात तो ये हुई कि कुछ सांसदों ने तो पाला बदल लिया, यानी क्रॉस वोटिंग की। बीजेपी वालों का तो कहना है कि करीब 15 विपक्षी सांसदों ने हमारे उम्मीदवार राधाकृष्णन को वोट दिया! अब बस, सी. पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बनने वाले हैं। ये तो वाकई एक बड़ी और शानदार जीत है!
विपक्ष की एकता पर उठा बड़ा सवाल!-चुनाव से पहले तो कांग्रेस वाले बड़े जोश में थे और कह रहे थे कि पूरा विपक्ष एक साथ है और उनके 315 सांसद वोट डालेंगे। लेकिन भाई साहब, नतीजों ने तो उनके सारे दावों की हवा निकाल दी! विपक्ष को उम्मीद थी कि रेड्डी साहब को अच्छे वोट मिलेंगे, पर जब कई सांसदों ने एनडीए के उम्मीदवार को वोट दे दिया, तो विपक्ष की सारी एकता पर ही सवालिया निशान लग गया। इस हार के बाद तो विपक्ष के खेमे में मायूसी छा गई है। सुना है कि कांग्रेस और उनकी साथी पार्टियां अब इस हार के कारणों पर खूब सोच-विचार करेंगी।
उपराष्ट्रपति का पद: क्यों है इतना खास?-आपको पता है, भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है। इसीलिए ये पद बहुत ही ज्यादा अहम माना जाता है। चुनाव जीतने के बाद पी. सी. मोदी ने जैसे ही ऐलान किया, उन्होंने कहा, “मैं सी. पी. राधाकृष्णन को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुनता हूँ और इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी जाएगी।” अब राधाकृष्णन जी शपथ लेने के बाद इस पद की सारी जिम्मेदारियां संभालेंगे। ये चुनाव इसलिए भी जरूरी हो गया था क्योंकि जगदीप धनखड़ जी ने 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था। अब राधाकृष्णन जी इस संवैधानिक पद को संभालने वाले देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे।
चुनाव की पूरी कहानी: वोटिंग का हिसाब-किताब-उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 788 सदस्यों का एक इलेक्टोरल कॉलेज बनता है। इसमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सांसद शामिल होते हैं। साथ ही, राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी वोट डाल सकते हैं। पर इस बार राज्यसभा की 6 और लोकसभा की 1 सीट खाली होने की वजह से कुल सदस्यों की संख्या घटकर 781 रह गई थी। वोटिंग के दौरान एक सांसद ने पोस्टल बैलेट से वोट डाला था, लेकिन बाद में उसे कैंसिल कर दिया गया क्योंकि उन्होंने वोट देने से मना कर दिया था। इसलिए, कुल वोटिंग का आंकड़ा भी काफी दिलचस्प रहा।
राधाकृष्णन के सामने बड़ी चुनौतियां!-एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन ने भले ही जीत का परचम लहरा दिया हो, लेकिन अब उनके सामने कई बड़ी जिम्मेदारियां आने वाली हैं। उपराष्ट्रपति होने के नाते, उन्हें राज्यसभा के सभापति के तौर पर काम करना होगा और संसद के कामकाज को सुचारू रूप से चलाना होगा। विपक्ष की आपसी खींचतान और सरकार की नीतियों पर उठते सवालों के बीच, उनकी भूमिका और भी ज्यादा अहम हो जाएगी। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले संसद सत्रों में राधाकृष्णन जी कैसे काम करते हैं, इस पर सबकी नजरें रहेंगी।

