
भारत-पाक मैच पर घमासान: कोर्ट से लेकर सड़कों तक, क्या है पूरा मामला?-एशिया कप 2025 का भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मुकाबला इन दिनों सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया और अब तो सुप्रीम कोर्ट तक चर्चा का विषय बन गया है। जहाँ एक तरफ क्रिकेट प्रेमी इस महामुकाबले का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने इस मैच का बहिष्कार करने की मांग उठा दी है। मामला इतना बढ़ गया कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर कर दी गई। एलएलबी की कुछ छात्राओं ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ खेलने को देशहित के खिलाफ बताया। उनका कहना था कि यह हमारे वीर शहीदों और निर्दोष नागरिकों के बलिदान का सीधा अपमान है। इसी वजह से उन्होंने कोर्ट से इस मैच को रद्द करने की गुहार लगाई थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख: “जल्दबाजी क्यों?”-जब यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश की गई, तो जस्टिस केके माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की बेंच ने मामले को तुरंत निपटाने के बजाय एक अलग ही रवैया अपनाया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को साफ तौर पर कहा कि यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच है और इसे होने देना चाहिए। बेंच ने यह भी पूछा कि जब मैच रविवार को ही है, तो इतनी जल्दी क्यों मचाई जा रही है? कोर्ट ने इस बात का भी संकेत दिया कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की कोई खास ज़रूरत नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भले ही उनका मामला कमज़ोर हो, लेकिन इसे सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। मगर कोर्ट ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया। कोर्ट के इस फैसले से यह साफ हो गया कि भारत-पाकिस्तान का यह बहुप्रतीक्षित मुकाबला तय समय पर ही होगा और इसमें किसी भी तरह की रुकावट आने की संभावना अब न के बराबर है।
मैच रद्द करने की मांग के पीछे की वजह?-याचिका दायर करने वाली छात्राओं ने अपनी दलील में कहा कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना बिलकुल भी उचित नहीं है। उनका मानना था कि इस मैच से उन वीर जवानों की शहादत का अनादर होगा, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। यह भावना सोशल मीडिया पर भी खूब फैली और लोगों ने पाकिस्तान के साथ हर तरह के खेल संबंध खत्म करने की अपील की। लेकिन, कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह मांग ज़्यादा आगे नहीं बढ़ पाई। कोर्ट ने भी बिना देरी किए याचिका को खारिज कर दिया। यह दर्शाता है कि खेल को राजनीति और सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों से अलग रखना कितना ज़रूरी है, वरना इसका सीधा असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर पड़ सकता है।
बीसीसीआई और सरकार की भूमिका: क्या है नियम?-इस पूरे विवाद के बीच, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी अपना पक्ष स्पष्ट किया। बोर्ड के अनुसार, अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना करता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में बैन झेलना पड़ सकता है। आईसीसी और एशियन क्रिकेट काउंसिल के नियमों के अनुसार, ऐसे बड़े टूर्नामेंट्स में टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ खेलना अनिवार्य होता है। हालाँकि, द्विपक्षीय सीरीज की बात अलग है, जहाँ दोनों देश आपसी सहमति से ही खेलते हैं। लेकिन, बड़े टूर्नामेंट्स में यह फैसला सरकार की अनुमति पर निर्भर करता है, और फिलहाल सरकार ने खेलने की अनुमति दे दी है। बीसीसीआई ने यह भी साफ किया कि वे नियमों के दायरे में रहकर ही काम करते हैं।
टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन और पाकिस्तान से भिड़ंत का इंतज़ार-14 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में होने वाला भारत और पाकिस्तान का यह मुकाबला हमेशा की तरह ही रोमांचक होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के बावजूद, क्रिकेट के मैदान पर इन दोनों टीमों के बीच का मुकाबला दर्शकों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता। टीम इंडिया की हालिया फॉर्म भी काफी ज़बरदस्त रही है। हाल ही में, भारत ने यूएई को मात्र 57 रनों पर ऑल-आउट कर दिया था और 9 विकेट से एकतरफा जीत दर्ज की थी। इस मैच में कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए चार विकेट झटके थे। इन सब बातों को देखते हुए, पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले इस मुकाबले में टीम इंडिया का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है और फैंस एक रोमांचक मैच की उम्मीद कर रहे हैं।

