
सेवा भाव से बनाइए लोगों के बीच अपनी साख: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
आयुर्वेद सिर्फ विषय नहीं, यह जीवन जीने की कला: श्याम बिहारी जायसवाल
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रायपुर – “आयुर्वेद की विधा विश्व की सबसे पुरानी विधा है और आयुर्वेद पद्धति में सभी रोगों की दवा मौजूद है, यही वजह है कि इसका जिक्र वेदों और पुराणों में भी है। आप सभी ऐसा सेवा भाव दिखाइए की लोगों के बीच आपकी स्वाभाविक साख बने क्योंकि आयुर्वेद सिर्फ एक विषय नहीं है बल्कि यह जीवन जीने की कला भी है।”
यह बातें स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज राजधारी रायपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में आयुर्वेद चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे छात्रों से कहा। उन्होंने कहा कि आप सभी भविष्य के चिकित्सक हैं इसलिए ऐसा इलाज करिएगा की लोग आयुर्वेद के प्रति आकर्षित हों और खुद आपके पास चलकर आएं।
इस दौरान आयुर्वेद चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री से खुलकर चर्चा भी की और अपनी मांगों को भी रखा। उनकी बातें सुनकर स्वास्थ्य मंत्री ने आयुर्वेद महाविद्यालय में शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने तथा संसाधनों को लगातार बेहतर करते रहने का आश्वासन दिया।
श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस दौरान आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय का भ्रमण भी किया और विभिन्न विषयों के प्रयोगशालाओं का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा छात्रों के लिए प्रयोगशाला रीढ की हड्डी के समान है जिसकी वजह से आपका पूरा ज्ञान निखरकर सामने आता है।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया, आयुष विभाग की संचालक सुश्री संतन देवी जांगड़े , महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी.के. जोशी समेत आयुष विभाग के अधिकारी तथा महाविद्यालय के अध्यापक उपस्थित थे।

