
रायगढ़। जिले के तमनार क्षेत्र के ग्रामीणों और पुलिस के बीच भारी तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। इस दौरान गांव के ग्रामीणों ने पथराव करते हुए न केवल महिला थाना प्रभारी की पिटाई कर दी बल्कि कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद से पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!तमनार क्षेत्र के 14 गांव के ग्रामीण पिछले दिनों जिंदल कंपनी के गारे पेलमा कोल ब्लाक के लिये हुई जनसुनवाई को फर्जी बताकर लिबरा गांव में स्थित सीएचपी चौक में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। जिससे जिंदल कंपनी में भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई थी। शनिवार की दोपहर भारी संख्या में पुलिस बल सीएचपी चैक पहुंची और आंदोलन कर रहे कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान गाडियों का परिचालन शुरू होते ही तमनार क्षेत्र के ग्राम खुषरूलेंगा गांव में भारी वाहन की चपेट में आकर साइकिल सवार एक ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गया। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने वाहन के चालक को गाड़ी में बांधकर उसकी पिटाई कर दी।मामले की जानकारी मिलते ही तमनार थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को समझा रहीं थीं, आक्रोशित ग्रामीणों ने लात- घूसों और लाठी- डंडे से महिला थाना प्रभारी को जमकर पीटा। ग्रामीणों ने वहां मौजूद कई गाडियों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में घायल पुलिस कर्मियों को उपचार के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है, साथ ही तनाव को देखते हुए पूरे गांव की बत्ती काट दी गई है और पूरा का पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
इस मामले में जिले के कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि आज दोपहर करीब दो से ढाई बजे के आसपास जहां पिछले 15 दिनों से ग्रामीण शांति पूर्ण ढंग से धरने पर बैठे हैं। आज कुछ असामाजिक तत्वों के उकसाये जाने पर मौके पर पथराव शुरू हो गया। इस दरम्यान सुरक्षा बल में तैनात कई जवान चोटिल हुए हैं। जिसके बाद वे अपनी जान बचाकर वहां से भागे। कलेक्टर ने बताया कि इस घटना के दो घंटे बाद स्थानीय जनप्रतिनिधयों के माध्यम से ग्रामीणों से चर्चा करने का प्रयास किया गया, परंतु उग्र ग्रामीणों ने फिर से पथराव शुरू कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने का प्रयास जारी है। कुछ घायलों का तमनार में इलाज जारी है और कुछ को रायगढ़ भेज दिया गया है।

