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दिल्ली में हवा की हालत खराब ,दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू, एक्यूआई चार सौ के पार

नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ही खराब श्रेणी में पहुंचता जा रहा है। सोमवार की रात 9 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 399 हो गया और रात 10 बजे 400 के पार चला गया। ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान ( ग्रैप)-4 की पाबंदियां लागू कर दी हैं।

प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों और शांत हवा की स्थिति के कारण दिल्ली के एक्यूआई में हुई तीव्र वृद्धि को देखते हुए सीएक्यूएम की उप-समिति ने देर रात एक आपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में उप-समिति ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 4 (‘गंभीर+’ वायु गुणवत्ता) को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया।

इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 दर्ज किया गया, जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है। ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान (ग्रैप)-3 की पाबंदियों को लागू कर दिया था। इस निर्णय के तहत दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य, डीजल वाहनों को चलाना और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।

सीएक्यूएम ने निर्देश में कहा था कि राजधानी में हवा की गति रुकने के और प्रदूषण के एक स्थान पर जमा रहने की स्थिति के साथ मौसम की स्थितियां बेहद प्रतिकूल हैं। इससे दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है। सीएक्यूएम की उप-समिति ने तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में संशोधित ग्रैप के चरण-तीन की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया है।

इन पाबंदियों के तहत प्रदूषण रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं, जिनमें डीजल मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध, निर्माण और खुदाई कार्य पर रोक और स्कूलों में हाइब्रिड मोड शामिल हैं। स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए हाइब्रिड मोड लागू कर दिया गया है। माता-पिता अपने बच्चों के लिए स्कूल या ऑनलाइन क्लास में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं। पहले यह पाबंदी ग्रैप चार में शामिल की गई थी लेकिन 13 दिसंबर को नियमों में संशोधन के बाद ग्रैप चार की पाबंदियों को ग्रैप तीन में लाया गया है।

उल्लेखनीय है कि आज दोपहर 2:30 बजे, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 366 था, जो “बहुत खराब” श्रेणी में था, सात दिन पहले जब यह 233 था, उससे बहुत ज़्यादा वृद्धि हुई। तीन दिन पहले, वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 था। वायु गुणवत्ता में सुधार के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को ग्रैप-चार के तहत कुछ सख्त उपायों में ढील दी।

पिछले महीने दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता “गंभीर” और “बहुत खराब” थी, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियां दी गईं और सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर किए गए, जिसमें सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया गया।

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