
एशिया कप 2025: क्या वाकई ये ‘टीम इंडिया’ का टूर्नामेंट है?
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भारत और एशिया कप: एक अनब्रेकेबल बॉन्ड- जब भी एशिया कप का नाम आता है, तो ज़हन में सबसे पहले भारत का ही ख्याल आता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही है। जैसे ही टूर्नामेंट का बिगुल बजा है, सबकी निगाहें बस एक ही टीम पर टिकी हैं – सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली भारतीय टीम। चाहे वो क्रिकेट के बड़े-बड़े पंडित हों या फिर आम क्रिकेटप्रेमी, हर कोई यही कह रहा है कि ये कप तो इंडिया ही उठाएगा। असली सवाल तो बस ये है कि आखिर कौन सी टीम है जो भारत को टक्कर दे पाएगी, या यूं कहें कि भारत को रोक पाएगी?
क्यों टीम इंडिया है सबसे आगे?- सच कहें तो, इस वक्त भारतीय टीम जिस लय और संतुलन में खेल रही है, वो किसी भी दूसरी एशियाई टीम से कोसों आगे है। टीम के पास सिर्फ शानदार बल्लेबाज़ ही नहीं हैं, बल्कि गेंदबाज़ी और फील्डिंग में भी कमाल के ऑप्शन्स मौजूद हैं। यही वजह है कि सेलेक्टर्स ने ICC टूर्नामेंट की तरह ही 17 की जगह 15 खिलाड़ियों का स्क्वाड चुना है। इससे साफ पता चलता है कि मैनेजमेंट को अपने मुख्य खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है। टीम इंडिया का लक्ष्य सिर्फ ट्रॉफी जीतना नहीं है, बल्कि वर्ल्ड कप से पहले अपनी टीम के कॉम्बिनेशन को और मज़बूत करना भी है। इसलिए, इस टूर्नामेंट का हर मैच उनके लिए एक परीक्षा की तरह ही होगा। रिकॉर्ड्स बताते हैं कि भारत ने अब तक 8 बार एशिया कप जीता है, जिसमें 7 बार वनडे और 1 बार T20 फॉर्मेट में जीत हासिल की है। अगर इस बार भी जीतते हैं, तो यह उनका 9वां खिताब होगा।
कौन देगा भारत को कड़ी टक्कर?- अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि भारत को असली चुनौती कौन दे पाएगा। पाकिस्तान की टीम ने हाल ही में अपने स्क्वाड में कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जैसे बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान जैसे खिलाड़ियों को ड्रॉप करना। इससे ये साफ है कि PCB भी बदलाव के मूड में है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत उनकी गेंदबाज़ी है, खासकर शाहीन अफरीदी और हसन अली जैसे तेज़ गेंदबाज़। लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये भारतीय बल्लेबाज़ों के सामने टिक पाते हैं या नहीं। श्रीलंका की टीम भी लगातार बेहतर कर रही है, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि क्या वो लगातार 6-7 मैच जीत सकते हैं। वहीं, अफगानिस्तान की टीम हमेशा की तरह अपनी स्पिन गेंदबाज़ी के दम पर किसी को भी मुश्किल में डाल सकती है। राशिद खान, नूर अहमद और ग़ज़नफ़र जैसी स्पिन तिकड़ी किसी भी मजबूत टीम के लिए खतरा बन सकती है।
छोटी टीमों के लिए बड़ा मौका- UAE, ओमान और हांगकांग जैसी टीमें भले ही इस टूर्नामेंट की प्रबल दावेदार न हों, लेकिन उनके लिए यह खुद को साबित करने का एक बेहतरीन मौका है। इन टीमों के खिलाड़ियों के लिए सूर्यकुमार यादव जैसे धाकड़ बल्लेबाज़ या जसप्रीत बुमराह जैसे खतरनाक गेंदबाज़ का सामना करना किसी सपने से कम नहीं होगा। यही वजह है कि ये टीमें हर मैच में अपना पूरा ज़ोर लगा देंगी।
ये इंडिया का कप, बाकी सिर्फ कोशिश- सच तो ये है कि एशिया कप 2025 का पूरा फोकस भारत पर ही है। भारतीय टीम के पास वो संतुलन, वो ताकत और वो स्पष्टता है जो किसी और टीम के पास फिलहाल नज़र नहीं आती। इस टूर्नामेंट में हारना ही भारत के लिए सबसे बड़ी हार मानी जाएगी। अब देखना ये होगा कि पाकिस्तान की तेज़ गेंदबाज़ी, श्रीलंका की एकजुट टीम या अफगानिस्तान की स्पिन की जादूगरी में से कौन सी टीम भारत की जीत की रफ्तार को थाम पाती है।

