
विधानसभा सत्र: बलौदाबाजार हिंसा का मामला गूंजा, विपक्ष ने लाया स्थगन प्रस्ताव
विधानसभा सत्र: बलौदाबाजार हिंसा का मामला गूंजा, विपक्ष ने लाया स्थगन प्रस्ताव
बलौदाबाजार हिंसा मामले पर सदन में हंगामा मच गया. विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई. विधानसभा अध्यक्ष के स्थगन को अग्राह्य करते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. आखिरकार विपक्ष के नारेबाजी और हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आस्था, प्रतीक को तोड़ने का काम किया है. प्रदेश की समरसता और भाईचारा को खत्म करने का षडयंत्र हुआ है. राज्य की शांति भंग हुई है. हिंसा का वातावरण बना है. समाज को बांटने का काम हुआ है. मेरी जानकारी के मुताबिक कई संगठनों से अब तक 168 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. हम सदन के माध्यम से यह जानना चाहते हैं कि कौन ऐसे लोग जो छत्तीसगढ़ की सद्भावना को मिटाना चाहते हैं. हम इस पर चर्चा की मांग करते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बलौदाबाजार की कंपोज़िट बिल्डिंग में आगजनी की गई. सतनामी समाज के जैतखंभ को नुक़सान पहुँचाने से विवाद शुरू हुआ. सतनामी समाज के आक्रोश के बाद एफआईआर दर्ज की गई. बिहार के तीन मज़दूरों को गिरफ़्तार किया गया. समाज में आक्रोश बढ़ता गया. समाज ने कहा कि कोई व्यक्ति सिर्फ़ मज़दूरी नहीं मिलने से जैतखंभ को नुक़सान नहीं पहुँचा सकता. समाज ने सीबीआई जाँच की माँग की.