
देहरादून । केदारनाथ धाम में इस वर्ष बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव डोली अपने भंडार गृह में विराजमान होगी। ग्यारह वर्षों बाद श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को अपना नया भवन प्राप्त हुआ है, जिसमें रावल, मुख्य पुजारी एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के रात्रि प्रवास की सुविधा उपलब्ध होगी। 16 कमरों के तीन मंजिला भवन से बीकेटीसी यात्रा का संचालन करेगी।

ये खबर भी पढ़ें : गर्मी से राहत, ठंडक का साथ – Symphony 27L Air Cooler – Pratidin Rajdhani
केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत धाम में श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का तीन मंजिला भवन बनकर तैयार हो गया है।
ये खबर भी पढ़ें : Raipur News, Chhattisgarh News, Epaper, Daily Hindi Morning Newspaper
इस वर्ष यात्रा के लिए 1 मई को जब बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली अपने धाम पहुंचेगी तो भवन के भंडार गृह में विराजमान होगी। जून 2013 के बाद यह पहला मौका है, जब बाबा केदार की डोली को अपना भंडार कक्ष मिल रहा है। साथ ही केदारनाथ के रावल, मुख्य पुजारी समिति के भवन में रहते हुए अपने यात्रा से जुड़ी गतिविधियां संपादित करेंगे।
ये खबर भी पढ़ें : निगम जोन 2 में होली मिलन समारोह, सभापति सूर्यकांत राठौड़ ने दी शुभकामनाएं
तीन मंजिला भवन में समिति के अध्यक्ष, मुख्य कार्यधिकारी कार्यालय व कक्ष भी हैं। साथ ही यात्रा में धाम में तैनात रहने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के आवास की व्यवस्था इस भवन में की गई है। इस भवन में ही भोग मंडी, पूजा और अन्य कक्ष भी हैं।
ये खबर भी पढ़ें : TVS Jupiter Vs Honda Activa : कौन है बेहतर ? – Pratidin Rajdhani
बीकेटीसी के वरिष्ठ प्रशासनिक वाईएस पुष्पवाण ने बताया कि जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में समिति की संपत्तियों को व्यापक क्षति पहुंची थी। तब से बीते वर्ष तक यात्राकाल में धाम में किराये के कमरे लेकर यात्रा का संचालित की जा रही थी। इस बार, बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली अपने भंडार गृह में विराजमान होगी।
ये खबर भी पढ़ें : CG NEWS : नवा रायपुर में अब ई-बसें चलेंगी, रायपुर से कनेक्टिविटी होगी आसान
साथ ही पूरे यात्राकाल में बाबा केदार का भोग समिति के भवन की भोगमंडी में बनेगा। उन्होंने बताया कि आपदा के ग्यारह वर्ष बाद केदारनाथ में बीकेटीसी को अपना भवन मिला है, जो सुखद है। इधर, मुख्य कार्यधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि भवन मिलने से यात्रा संचालन में आसानी रहेगी। साथ ही अन्य व्यवस्थाओं की बेहतरी के लिए काम किया जा सकेगा।
ये खबर भी पढ़ें : फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए लाइफस्टाइल में लाएं बदलाव