चंडीगढ़। पंजाब में सोमवार से तीन दिन के लिए बसों की हड़ताल रविवार देर रात से शुरू हो गई है। आज पहले दिन प्रदेश में पीआरटीसी तथा पनबस के अंतर्गत चलने वाली करीब तीन हजार बसें सडक़ों पर नहीं उतरीं। जिस कारण यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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पनबस और पीआरटीसी के कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर 8 जनवरी तक हड़ताल पर रहने का ऐलान किया है। सरकारी कर्मचारियों ने भी इन्हें समर्थन दे दिया है।
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कर्मचारी मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान पहले ही किया है। हड़ताली कर्मचारी उन्हें पक्का करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पनबस और पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन ने पिछले महीने सभी मंत्रियों को मांग पत्र भी सौंपे थे। इसके बावजूद उनकी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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कर्मचारियों का आरोप है कि पंजाब सरकार महिलाओं को मुफ्त बस सफर के करीब 600 करोड़ रुपये अदा नहीं कर रही। जिस वजह से उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा। करीब चार महीनों से कांट्रैक्ट कर्मियों के ईपीएफ में 1950 रुपये प्रति कर्मचारी जमा नहीं कराया जा रहा। यह राशि भी करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के लगभग है।
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यूनियन नेता के अनुसार पनबस और पीआरटीसी के पास इस समय दो हजार कांट्रैक्ट कर्मचारी और करीब छह हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं। 400 से अधिक बेहद पुरानी बसें हैं। पनबस और पीआरटीसी को करीब 90 प्रतिशत कांट्रैक्ट कर्मचारी चला रहे हैं। इसके कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगें पूरा होने की मांग कर रहे हैं।
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